अशोक वर्मा
मोतिहारी : विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ मधु पदमा विवाह भवन में श्रीमद् भागवत कथा की अमृत वर्षा के साथ भव्य शुभारंभ हुआ। संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में वृंदावन से पधारी श्री राजनंदनी किशोरी जी भागवत जी के महिमा का वर्णन किया ।उन्होंने कहा कि जीवन मे अगर कोई पाप किया हो तो अंत में एक बार भी भागवत महापुराण की कथा सुन ले उद्धार निश्चित होगा! धन का अहंकार हो जाए तो भागवत सुन लो अहंकार दूर हो जाएगा !भक्ति, बैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भागवत की कथा सुन लो, केवल सुनो नहीं भागवत की मानो, कलयुग में कल्याण के लिए भागवत कथा अवश्य सुननी चाहिए! उन्होंने वर्णन किया 88000 ऋषियों को श्री सूत जी महाराज नैमिषारण्य की पावन धरती पर भागवत महापुराण की कथा सुना रहे थे इसी क्रम में उन्होंने वर्णन किया आत्मदेव नामक ब्राह्मण थे जिनकी पत्नी का नाम धुंधली था जिन्हें पुत्र हुआ जिसका नाम धुंधकारी पड़ा धुंधकारी महादुष्ट था पिता को बहुत दुख दिया पांच वेश्याओं से विवाह किया उन्ही वेश्याओं ने धुंधकारी को मार दिए धुंधकारी महाप्रेत बना गोकर्ण जी के द्वारा भागवत महापुराण की कथा सुन करके मोक्ष को प्राप्त हुआ! माता-पिता को दुख देने वाला व्यक्ति कभी भी भगवान से प्यार नहीं हो सकता!कार्यक्रम मे वृंदावन से आई हुई झांकी का भी बहुत ही सुंदर दृश्य दिखाया गया! कार्यक्रम संयोजक अमित कुमार पिंटू ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा 4 जनवरी तक चलेगी और प्रतिदिन दोपहर 1:00 से 4:00 तक भक्तों को कथा श्रवण कराया जाएगा मौके पर उमेश मोहता, राजू सहारा, धीरज कुमार अनिल कुमार, नीरज कुमार, लड्डू कुमार, केतन कमल, अनीता देवी, अनुपम कुमार ,राम भजन आदि लोग उपस्थित रहे।
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