- एसीएमओ और सीडीओ ने दिखाई हरी झंडी
- स्वास्थ्य कर्मियों और एनसीसी कैडेटों ने किया जागरूक
- जिला एआरटी सेंटर में 45 सौ मरीज निबंधित
मुजफ्फरपुर। एड्स ऐसी बीमारी है जिसके जांच और उपचार में अभी भी समाज अगले पायदान पर नहीं है। ऐसे में विश्व एड्स दिवस के इस वर्ष का थीम “लेट कम्युनिटिज लीड” एड्स की रोकथाम में समाज की अहम भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए चुना गया है। वहीं यह थीम एड्स के बचाव में समाज के महत्वपूर्ण योगदान के लिए भी चुना गया है। ये बातें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ सीके दास ने शुक्रवार को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाते हुए कही। जागरूकता रैली सदर अस्पताल के आस पास के मुख्य मार्गों से निकलते हुए वापस सदर में आकर समाप्त हुई। रैली में नर्सिंग की छात्राओं और एनसीसी बटालियन के युवाओं ने बालिकाओं ने अपने हाथों में बैनर व तख्तियों के माध्यम से एड्स से बचाव संबंधी नारों के जरिये आमजन में जागरूकता का संदेश दिया।
छूने व साथ खाने से नहीं फैलता एड्स:
विश्व एड्स दिवस स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुभाष प्रसाद सिंह ने कहा कि एड्स असुरक्षित रक्त लेने से, असुरक्षित यौन संबंध बनाने से, संक्रमित मां से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे में फैलता है। वहीं उन्होंने कहा कि छूने से, एक साथ बैठने आदि से नहीं फैलता है इसलिए एड्स पीड़ित के प्रति भेदभाव न करें।
एड्स रोगी भी जी सकते हैं साधारण जिंदगी:
सीडीओ डॉ सीके दास ने बताया कि अभी जिले के एआरटी में करीब 4500 लोग निबंधित हैं। ऐसा नहीं है कि एड्स होने का मतलब जीवन का अंत है। ऐसे में सकारात्मक सोच रखते हुए बीमारी का पता लगने पर जल्द से जल्द अपना ईलाज शुरु कर देना चाहिए। वहीं अपने खानपान में इम्यून को बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें। हल्के फुल्के व्यायाम करें। छोटी – छोटी बातों का ध्यान रखते हुए हम एड्स के साथ भी अच्छा जीवन जी सकते हैं। इस दिवस के मौके पर एसीएमओ डॉ सुभाष प्रसाद सिंह, सीडीओ डॉ सीके दास, जिला पर्यवेक्षक एड्स प्रोग्राम जय प्रकाश सिंह, अहाना से प्रोग्राम आफिसर आईसीटीसी परामर्शी रश्मी कुमारी, लैब टेक अजीत प्रकाश, एसटीडी परामर्शी सबिता कुमारी सहित अन्य लोगों ने हिस्सा लिया।