उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर से एक दर्दभरी घटना सामने आई है. यहां बीमारी और आर्थिक तंगी से परेशान होकर एक दंपति ने इंजेक्शन लगा आत्महत्या कर ली. मुफलिसी की जिंदगी जी रहे दंपति ने हालातों के सामने घुटने टेकते हुए मौत को गले लगा लिया. दरअसल काशीपुर की सैनिक कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर इंद्रेश शर्मा एक प्राइवेट अस्पताल में इमरजेंसी डॉक्टर थे. वहीं उनकी पत्नी वर्षा शर्मा हाउस वाइफ थी. पिछले 12 सालों से पत्नी वर्षा काफी बीमार चल रही थी. वर्षा को कैंसर था और लंबे समय से उसी का इलाज चल रहा था.
पत्नी का इलाज कराते कराते डॉक्टर इंद्रेश शर्मा को भी कई गंभीर बीमारियां हो गई थी. पत्नी का इलाज, अपना इलाज, घर का खर्च, बच्चे की पढ़ाई इन सभी खर्चों के बोझ ने इंद्रेश को मानसिक और आर्थिक रूप से अपाहिज बना दिया था. उनकी आर्थिक स्थिति बहुत भी खराब हो गई थी. इसी के चलते दंपति ने आत्महत्या का फैसला लिया और मंगलवार रात खुद को इंजेक्शन लगा आत्महत्या कर ली, घटना का पता सुबह चला. जब दोनों अपने कमरे में मृत पाए गए. वहीं घटना की सूचना पुलिस को दी गई, इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पुलिस ने जांच शुरू की.
दंपति के दो बच्चे हैं. बेटी की शादी हो चुकी है और बेटा ईशान अभी छोटा है. माता-पिता की मौत के बाद ईशान का बुरा हाल. उसने सोचा नहीं था कि जिस पिता के साथ वो रात में लूडो खेल रहा था इतनी मस्ती कर रहा था. वो सुबह इस दुनिया में नहीं होंगे. घटना का जिक्र करते हुए ईशान का गला रुंध जाता है. ईशान ने बताया कि लंबे समय से मां का कैंसर का इलाज चल रहा था. गम्भीर बीमारी से पीड़ित होने के चलते उनका इलाज काफी मंहगा होता था. जिस कारण पापा की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी.
कोरोना में दिक्कत ज्यादा बढ़ गई. स्थिति बद से बदतर हो गई. इस दौरान उसकी पढ़ाई भी बंद हो गई. घटना की रात इंद्रेश और ईशान ने मिलकर पहले लूडो खेली फिर दोनों ने खूब मस्ती की. उसके बाद इंद्रेश बेटे को इंजेक्शन लगा ही रहे थे कि तभी अचानक उनका इरादा बदल गया और उन्होंने खुद को और पत्नी को इंजेक्शन लगा लिया. अगर वह ईशान को इंजेक्शन लगा देते तो शायद उसके साथ भी कोई अनहोनी हो सकती थी.
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें लिखा गया है कि हमारी मौत के लिए किसी को परेशान ना किया जाए. मौके से नशीले इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं. पुलिस घटना की जांच में जुट गई है.
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