- डेंगू के उपचार के लिए सदर में 10 बेड का बना वार्ड
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर भी दो बेड की रहेगी व्यवस्था
- एनएस 1 की जगह सिर्फ एलीजा टेस्ट ही मान्य
सीतामढ़ी। मानसून आने के पहले ही स्वास्थ्य विभाग और सीतामढ़ी नगर निगम डेंगू को लेकर सचेत दिख रहा है। इस बार शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में जल जमाव वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर वहां फॉगिंग करायी जाएगी। शहरी क्षेत्रों में यह फॉगिंग जहां नगर निगम के द्वारा होगी वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में आशा के द्वारा जलजमाव वाले जगहों को चिह्नित किया जाएगा, जहां भीबीडीसी कार्यालय के द्वारा फॉगिंग करायी जाएगी। यह निर्णय राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह के निदेश पर लिया गया है। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने कहा कि डेंगू से बचाव के मद्देनजर जिले में तैयारियां तेज है। सदर अस्पताल में 10 बेड व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्तर पर दो बेड का वार्ड बनाया गया है। सदर अस्पताल में डेंगू जांच की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध है। डॉ यादव ने कहा कि डेंगू के वाहक मच्छर एडिस इजिप्टिस दिन मे ही काटते हैं। अतः रहें सावधान। शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें। एस्प्रीन ग्रूप की दवा, ब्रूफेन, कॉम्बीफ्लाम का प्रयोग जानलेवा हो सकता है। पारासिटामोल छोड़ किसी भी दवा का प्रयोग बिना चिकित्सकीय सलाह के न करें। फॉगिग के लिए खराब मशीनों को पटना भेजकर सही कराया जाएगा व जरूरत पर नई मशीनें भी खरीदी जाएगी।
एनएस 1 टेस्ट मान्य नहीं-
डॉ रविन्द्र ने कहा कि प्राइवेट संस्थाओं में कराए गए एनएस 1 में आए पॉजिटिव को डेंगू का मरीज नहीं, लक्षण वाला माना जाता है। सिर्फ सरकारी अस्पतालों में कराए गए एलिजा टेस्ट को ही सही जांच माना जाएगा। पिछले साल जिले में कुल 32 डेंगू के मरीज थे। इससे बचने के लिए घरों के आस पास जल जमाव न होने दें। टूटे फूटे बर्तन, टायर, गमले आदि में बरसात का पानी जमा न होने दें। कूलर, फ्रिज का पानी रोज बदलें।
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