नवरात्रि के पावन अवसर पर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस कला-संस्कृति प्रकोष्ठ ने आयोजित की भजन संध्या

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  • नवरात्रि का पर्व भक्तों में शक्ति और नई ऊर्जा का संचार करता है : राजीव रंजन
  • मां दुर्गा की उपासना का प्रतीक शारदीय ‘नवरात्रि’ का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व : रागिनी रंजन
मुंबई, नयी दिल्ली, पटना शक्ति स्वरूपा माँ दुर्गा की उपासना का प्रतीक शारदीय ‘नवरात्र’ के अवसर पर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) कला-संस्कृति प्रकोष्ठ ने भजन संध्या का आयोजन किया ,जहां नामचीन कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भक्तिमय प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
   इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा की उपासना का त्योहार नवरात्रि का पर्व भक्तों में शक्ति और नई ऊर्जा का संचार करता है।नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है। शक्ति की देवी मांग दुर्गा की उपासना श्रद्धापूर्वक करने से हर तरह की भौतिक एवं आध्यात्मिक कामनाएं पूरी होने लगती है।नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है।यह त्योहार लोगों को आध्यात्मिक रूप से जागृत करने और उन्हें देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।नवरात्रि एक वार्षिक हिंदू उत्सव है जो सर्वोच्च देवी आदि पराशक्ति के अवतार देवी दुर्गा के सम्मान में मनाया जाता है।।वात्सल्य और ओज की प्रतिमूर्ति देवी दुर्गा की शक्ति में अनंत ब्रह्मांड की समस्त इच्छाशक्ति वर्तमान है, जिसकी उपासना हमारी गौरवमयी परंपरा है।
  जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने कहा कि शक्ति स्वरूपा माँ दुर्गा की उपासना का प्रतीक शारदीय ‘नवरात्रि’ का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है।नवरात्रि के दौरान देवी के सभी रूपों की महिमा, ज्ञान और अनुग्रह को धारण करने वाली सर्वोच्च शक्ति दुर्गा के रूप में पूजा की जाती है। दुर्गा ब्रह्मांड की माता है।वह चेतना की शक्ति है।नवरात्रि एक वार्षिक हिंदू उत्सव है जो सर्वोच्च देवी आदि पराशक्ति के अवतार देवी दुर्गा के सम्मान में मनाया जाता है।मां दुर्गा की आराधना एवं शक्ति की उपासना का यह पर्व आप सभी प्रियजनों के जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि लेकर आएगा, मैं ऐसी कामना करती हूँ। आप सभी को एवं आपके पूरे परिवार को शारदीय नवरात्रि के पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि वर्चुअल भजन संध्या को जीकेसी कला- संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सोमिका श्रीवास्तव और उत्तर प्रदेश पश्चिम कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डा. आनंदिता सिन्हा ने होस्ट किया।इस अवसर बिहार, मध्य प्रदेश,राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ,नयी दिल्ली, से नामचीन कलाकारों ने प्रस्तुति दी। प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में डा. मृणालिनी अखौरी, शालिनी श्रीवास्तव, रक्षा श्रीवास्तव,सुभाषिणी स्वरूप,प्रीति लाल ,रश्मि सिन्हा,प्रियंका श्रीवास्तव,विेजेता सिन्हा ,डा. आनंदिता सिन्हा ,अचला श्रीवास्तव,शताक्षी वर्मा,श्रीमती सुप्रिया वर्मा और आंचल मंदिलवार शामिल रही।
 कार्यक्रम के संचालन में डिजिटल- कम्युनिकेशन सेल के ग्लोबल महासचिव सौरभ श्रीवास्तव और राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन श्रीवास्तव ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। धन्यवाद ज्ञापन कला-संस्कृति प्रकोष्ट के राष्ट्रीय सह प्रभारी दीप श्रेष्ठ ने दिया।इस अवसर पर अन्तरराष्ट्रीय सह-प्रभारी सम्पूर्ण समन्वय समिती तथा अध्यक्ष- संयुक्त अरब अमीरात- दुबई मितेश कर्ण, नेपाल की अध्यक्ष डा.पूनम कर्ण, कला-संस्कृति प्रकोष्ट के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष पवन सक्सेना, श्रीमती श्रुति सिन्हा, कला-संस्कृति प्रकोष्ट की राष्ट्रीय महासचिव शिवानी गौर,सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय प्रभारी डा. नम्रता आनंद, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल कुमार दास,बिहार के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश महान, सपन सिन्हा, मीनू वर्मा  समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुये।
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