- महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहली दीक्षांत समारोह का उद्घाटन किया।
- विहार के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री भी समारोह मे शामिल हुए।
अशोक वर्मा
मोतिहारी : भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी विहार के तीन दिवसीय दौरा के दूसरे दिन मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया उन्होंने महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया। महात्मा गांधी प्रेक्षा गृह में आयोजित समारोह में बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र आर्लेकर जी, बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश_कुमार , कुलाधिपति महेश शर्मा , कुलपति संजय श्रीवास्तव पूर्व केन्द्रीय मंत्री सह सांसद राधामोहन सिंह , विधायक श्रीमती शालिनी मिश्रा , मनोज यादव , कृष्णनंदन पासवान , विधायक श्री प्रमोद कुमार , सुनील मणि तिवारी,, श्याम बाबू यादव , शशिभूषण सिंह , श्री राणा रणधीर सिंह , माननीय विधायक लाल बाबू गुप्ता , विधान पार्षद श्री महेश्वर सिंह , पूर्वी चंपारण जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती ममता राय , पूर्वी चंपारण जिला कोऑपरेटिव के अध्यक्ष सुदर्शन सिंह , मोतिहारी नगर निगम की मेयर श्रीमती प्रीति कुमारी , मोतिहारी नगर निगम के उप मेयर लाल बाबू गुप्ता , जिला जनता दल यूनाइटेड की जिलाध्यक्ष श्रीमती मंजू देवी , भाजपा जिला अध्यक्ष प्रकाश अस्थाना , केसरिया नगर पंचायत अध्यक्ष पति रिंकू पाठक ,प्रो० दिनेश चंद प्रसाद आदि उपस्थित रहे।
आगत अतिथियों का स्वागत यूनिवर्सिटी के द्वारा मोमेंट, यूनिवर्सिटी का लोगो एवं मिथिला पेंटिंग और सम्मान का चादर आदि देकर किया गया।
बतौर अतिथि महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में चंपारण की महिमा की तथा इस भूमि को गौतम बुद्ध एवं सम्राट अशोक की भूमि कह कर छात्रों का आहवान किया कि आप भाग्यशाली है कि आपको इस महान भूमि में स्थापित यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका मिल रहा है ।आप की ओर देश-विदेश के लोगों की नजरहैं क्योंकि जिस चंपारण की भूमि पर बापू ने सफल सत्याग्रह चलाकर स्वतंत्रता संग्राम को एक नई शक्ति और ऊर्जा दी थी उस भूमि पर आपको पढ़ने का मौका मिल रहा है। आप यहां विशेष शोध भी कर सकते हैं । गांधी ने उस दौर के शक्तिमान राष्ट्र से हमें आजादी दिलाई ।महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि गांधी जी की आत्मकथा में जितनी बातें आई है उन बातों पर आज गौर करने की आवश्यकता है ।उन्होंने गांधी के सत्य अहिंसा तथा अध्यात्म के संदेश पर जीवन को आगे बढ़ाने का आग्रह किया ।उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राजेंद्र बाबू ने लिखा है कि गांधी सादगी के प्रतीक थे। गांधी के सामने अंग्रेज नहीं टिके। गांधी जी ने चंपारण सत्याग्रह के दौरान जाति भेद छोड़ने की बाते कही थी, उनकी बातों को सभी ने स्वीकार किया ।उन्होंने समानता एकता के मार्ग पर चलने का आहवान किया था। आज देश विकास के मार्ग पर अग्रसर है लेकिन गांधी के उस सिद्धांत को लेकर के हीं चलना होगा। उन्होंने चंपारण में बिखरे पड़े बापू के स्मृति स्थलों का भी वर्णन किया और कहा कि गांधी जी शादगी और सच्चाई के प्रतीक थे ।इस मार्ग पर चलकर के हीं हम शांति और सुख प्राप्त कर सकते हैं ।महामहिम ने विश्वविद्यालय द्वारा थारू जनजाति को प्रोत्साहित करने की सराहना की। उन्होंने चंपारण के लीची का भी वर्णन किया और कहा कि उस लीची के उत्पादन से चंपारण में रोजगार के अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ अनुसंधान पर भी जोर दिया।उन्होंने शिक्षा में नैतिकता का बल भरने की बात कही।
अपने संबोधन में महामहिम राज्यपाल ने कहा कि आज अनुशासन के मामले में छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों को भी सोचना होगा क्योंकि अनुशासन ही व्यक्ति और राष्ट्र को महान बनाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महात्मा गांधी विश्वविद्यालय स्थापना के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि केंद्र सरकार ने जब हर जिला में एक विश्वविद्यालय खोलने की बात की तो प्रथम जिला मैं मोतिहारी को चुना और मोतिहारी में मैंने जमीन उपलब्ध कराई ।सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने भी महात्मा गांधी विश्वविद्यालय की स्थापना के इतिहास पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में गुलाधिपति, कुलपति एवं अन्य लोगों ने भी प्रकाश डाला ।महामहिम राष्ट्रपति ने दो विशेष लोगों को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी जिसमें आरके सिंनहा एवं चंद्र प्रकाश द्विवेदी थे। राष्ट्रपति महोदय ने अपने हाथों छात्र छात्राओं मे अप्पू कुमार ,अरविंद कुमार ,मनीषा कुमारी, सुरेश कुमार, स्मृति सुमन ,तान्या ,अंकित आनंद, अंजली कुमारी ,श्वेता कुमारी ,अंजली सिंह को गोल्ड मेडल पहनाकर शुभकामनाएं दी ।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर श्वेता ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कुल सचिव ने किया।
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