रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों का पिंडदान शनिवार को गया जी में किया गया इसके लिए यूक्रेन से 28 वर्षीय यूलिया गया आई। उसने पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ युद्ध में मारे गए लोगों और अपने परिजनों की आत्मा की मुक्ति और शांति के लिए सब और तर्पण किया इस संबंध में मीडिया से यूलिया ने कहा भारतीय परंपरा और गया जी में पिंडदान करने का विशेष महत्व है यहां पिंडदान करने से पितरों की मुक्ति मिलती है इसकी जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार की रात को वह गया पहुंची और शनिवार के सुबह देवघाट समेत पिंडदान और तर्पण किया। यूलिया के माता-पिता युद्ध में मारे गए थे परिवार के कुछ सदस्य भी इस युद्ध में मारे गए। यूलिया के परिवार में सिर्फ वह ही बची हैं वह अक्षर परेशान रहती थी यूक्रेन में उड़िया हिंदू जागरण समिति के संपर्क में आए हिंदू जागरण समिति की अध्यक्ष नागलिया सरनमा है। इसके बाद नागालिया सरनमा के सुझाव पर ही यूलिया गया पहुंची हैं इस पिंडदान और कर्मकांड के दौरान यूलिया ने साड़ी पहन रखी थी और अपने हाथों से यूलिया ने पिंड बनाया और पुरोहित के निर्देश पर सभी कर्मकांड विधि विधान से पूरा किया फल्गु के बाद पिंड सहित अपने पुरोहित के साथ विष्णु पद मंदिर के गर्भ गिरी में भगवान के चरणों में पिंड अर्पित कर शारदा के साथ माथा टेका आगे उन्होंने बताया कि यह सारा काम उसकी आत्मा को स्पर्श करता है भारतीय परंपरा भारत के इतिहास खासकर गया जी में पितरों को पीना दान करने से उन्हें मुक्ति मिल जाती है ऐसा पढ़कर वह यहां आई हैं विश्वास आस्था और श्रद्धा के साथ अपने पूर्वजों के लिए कृतज्ञता ज्ञापन का यह अनुष्ठान सुनकर मन में भारत आकर गया जी में पिंडदान करने की इच्छा हुई थी अब पिंडदान किया हूं
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