सम्मेलन भवन में पितृपक्ष विशेषांक गया गीतिका का हुआ लोकार्पण

2 Min Read
गया। जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के डॉ.मंजू करण सांस्कृतिक सभागार में गया पितृपक्ष विशेषांक “गया गीतिका” के चौथे अंक का लोकार्पण बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य चंदन कुमार सिंह, गया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति सुरेंद्र सिंह सुरेंद्र,महामंत्री सुमंत,गया गीतिका के प्रधान संपादक डॉ.राकेश कुमार सिन्हा’रवि’ व संपादक डॉ.रश्मि प्रियदर्शनी ने किया गया जिसमें सभा का संचालन अरविंद कुमार ने किया। स्वागत समारोह में बोलते महामंत्री सुमन्त ने कहा यह गया नगर के लिए गौरव की बात है कि गया गीतिका के चौथे अंक का प्रकाशन हुआ है। कोरोना काल के बाद इस वर्ष प्रकाशित इस अंक को पढ़ कर गया के रूप स्वरूप की जानकारी सहज में ही मिल जाती है।संपादक डॉ.रश्मि प्रियदर्शनी ने गया की गरिमा को उजागर करते हुए गया गीतिका पत्रिका में लिखने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा पितृभूमि गया वन्दनीय है।प्रधान संपादक डॉ.राकेश कुमार सिन्हा’रवि’ ने गया गीतिका में प्रकाशित सभी आलेखों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा इसमें कोई भी आलेख की पुनरावृत्ति नहीं है और  गीतिका गया नगर के गौरव गरिमा को आगे बढ़ता रहे इसी उद्देश्य के साथ चौथे अंक को प्रस्तुत किया गया है।मुख्य अतिथि चंदन कुमार सिंह ने कहा कि अच्छा संयोग है कि गया में पितृपक्ष मेला चल रहा है और इस समय पितृपक्ष अंक गया गीतिका के चौथे अंक का लोकार्पण किया जा रहा है। हम इसके प्रधान संपादक, संपादक और इससे जुड़े सभी लोगों का सहृदय नमन करते हुए यह कहना चाहते हैं कि इस कृति से गयाजी शहर का नाम देश दुनिया में और उजागर होगा ,इसमें कोई शक नहीं है।धन्यवाद ज्ञापन में सुरेन्द्र सिंह सुरेन्द्र ने कहा कि गया गीतिका एक ऐसी कृति बन गई जिसकी उपयोगिता आने वाले समय में भी बनी रहेगी।सभा में वरिष्ठ कवि प्रवीण परिमल, अजीत कुमार,डॉ.राम परिखा सिंह,उपेन्द्र सिंह,खालिद हुसैन परदेसी, डॉ.मुरली मनोहर पांडे, सूरज कुमार, शंकर प्रसाद,अश्वनी कुमार,शंकर प्रसाद,चन्द्रदेव केशरी, उदय सिंह, मिथिलेश मिश्र दर्द, गजेंद्र लाल अधीर, प्यारे मोहन सहित अन्य गणमान्य लोग व साहित्यकार- पत्रकार उपस्थित रहें।
30
Share This Article
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *