भारतीय दलित साहित्य अकादमी की  संगोष्ठी संपन्न ,जिला सम्मेलन करने का निर्णय ।

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अशोक वर्मा
बेतिया  : भारतीय  दलित साहित्य अकादमी पश्चिम चंपारण द्वारा बृहस्पतिवार को आयोजित  संगोष्ठी की अध्यक्षता  जाने-माने कवि गोरख मस्ताना ने की।  शाम मे संगोष्ठी का आयोजन विपिन उच्च माध्यमिक विद्यालय के सभागार में की गई  जिसमें अकादमी के प्रांतीय अध्यक्ष  जागा राम शास्त्री ने वतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित  किया। उन्होंने  कहा कि
संगठन  को विस्तार  करने की आवश्यकता है, बाबा साहेब के मूल मंत्र “शिक्षित बनो,संगठित हो
 ,संघर्ष  करो” के नारे को चरितार्थ  करने का सुझाव दिया। अध्यक्षता करते हुए डाक्टर गोरख प्रसाद मस्ताना ने  कहा कि दलित  साहित्यकारो की रचनाओं को पढने की आवश्कता है। दलितों के स्वावलंबन पर भी उन्होंने जोर दिया ताकि उनका गलत इस्तेमाल राजनीतिक दलों के द्वारा नहीं किया जा सके। श्री मस्ताना ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों के बाद दलितों की सोच में काफी परिवर्तन हुआ है, अब वे धीरे-धीरे अपनी शक्ति को पहचान रहे हैं, यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल वाले दलितों को लुभावने नारे दे कर अपने खेमो में लाने का प्रयत्न करते हैं, लेकिन अब दलित काफी जग गए हैं वे बहुत हद तक सही और गलत का निर्णय भी ले रहे हैं। उन्होंने दलित साहित्य अकादमी को सुझाव दिया कि दलित बस्तियों में जाकर दलितों को जागरूक करने का कार्य करें  ।अकादमी  के जिला प्रभारी नन्द लाल ठाकुर ने सदस्यता अभियान  एवं कोष संग्रह पर जोर दिया ताकि संगठन का स्वरूप व्यापक हो सके। सभा मे श्री ठाकुर  को डाक्टर अम्बेदकर फेलोशिप, डाक्टर मस्ताना,डाक्टर भोला प्रसाद यादव, चंद्रिका राम एवं उदय भानू सत्यार्थी को डाक्टर अम्बेदकर
रत्न सम्मान  से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डाक्टर  अमित  कुमार, डाक्टर   कामेश्वर  कुमार  ,डाक्टर सुरेन्द्र राम,ओमप्रकाश  पासवान, राम प्रवेश  कुमार  ,बृज किशोर कुमार,  तारकेश्वर राम, जय किशोर  जय,दिवाकर  कुमार, पिंटू कुमार  एवं राजन कुमार  आदि ने लिया। संगोष्ठी के अंत में उपस्थित प्रदेश अध्यक्ष जगराम शास्त्री ने  कार्यकारिणी के सदस्यों ने अतिथियों के विचार से सहमति व्यक्त करते हुए  अक्टूबर के पूर्व  जिला सम्मेलन कराने की घोषणा की।
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