- बालू मक्खी के नियंत्रण हेतु सिंथेटिक पैराथायीराईड कीटनाशक दवा का होगा छिड़काव
- 32 जिले के 2516 राजस्व गांवों में किया जाएगा दवा का छिड़काव
- 348 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 1940 उपस्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत होगा दवा का छिड़काव
पटना। केंद्र सरकार के द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप बिहार से वर्ष 2022 में ही कालाजार बीमारी का उन्मूलन की घोषणा हो चुकी है। अब इस स्थिति को बरकरार रखने हेतु राज्य सरकार पूर्ववत से चल रहे सभी गतिविधियों का संचालन ससमय किया जा रहा है। ताकि राज्य में फिर से कालाजार बीमारी का प्रसार न बढे। इसी मुहिम को ध्यान में रखते हुए आगामी 17 अगस्त से राज्य के 32 जिलों में कालाजार आक्रांत चिहिन्त गांवों में सघन रूप से दवा ;सिंथेटिक पैराथायीराईड कीटनाशक का छिड़काव कराया जाना है। 17 अगस्त 2023 से प्रारंभ होकर अक्टूबर महीने तक कुल 60 कार्य दिवस के दिन सभी जिलों में छिड़काव किया जाएगा। इन 32 जिलों के 348 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 1940 उप स्वास्थ्य केंद्रों कें अंतर्गत आने वाले 2516 राजस्व गांवों में हैंड कंम्प्रेशन पंप से दवा का छिड़काव किया जाएगा। जिसमें बिहार के इन गांवों के लगभग 1 करोड 39 लाख 89 हजार 379 लोग आक्रांत जनसंख्या वाले इलाके में दवा का छिड़काव होगा। उक्त बातें वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने कहीं।
इन जिलो में दवा का किया जाएगा छिड़काव
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि राज्य के 32 जिलों में ही दवा का छिड़काव किया जाना है। इनमें वैशाली, सारण, सहरसा, मुजफफरपुर, मधेपुरा, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, अररिया, सीतामढी, दरभंगा, समस्तीपुर, गोपालगंज, कटिहार, खगडिया, मधुबनी, शिवहर, सीवान, सुपौल, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, किशनगंज, लखीसराय, मुंगेर, नालंदा, नवादा, पटना, पश्चिम चंपारण और शेखपुरा शामिल है। उन्होंने बताया कि मुंगेर और नवादा दो ऐसे जिले हैं जहां मलेरिया और कालाजार दवा का छिड़काव साथ-साथ चलेगा। ज्ञात हो कि इस वर्ष यानि कि जुलाई माह तक राज्य में कुल 246 भीएल के मरीज पाए गए हैं। जबकि पीकेडीएल के 86 कालाजार के मरीज मिले हैं। पिछले साल यानि वर्ष 2022 की तुलना में भीएल में 46 फीसदी और पीकेडीएल में 58 फीसदी की कमी पायी गई है।
प्रभावित गांवों के एक-एक घरों और मोहल्ले में होगा छिड़काव
ज्ञात हो कि सभी कालाजार प्रभावित गांवों के एक-एक घरों, मोहल्ले और बथानों में दवा का छिड़काव कराया जाना है। डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उप स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी और आयुष चिकित्सक एवं अन्य पर्यवेक्षी कर्मचारियों के बीच सभी आक्रांत गांवों को आवंटित कर अपनी उपस्थिति में दवा छिड़काव कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस दौरान सिविल सर्जन एवं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी और वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी तथा भीवीडी सलाहकार भी पर्यवेक्षण पर निगरानी रखेंगे। साथ ही नियमित औचक निरीक्षण करेंगे। इसके बाद प्रत्येक दिन कार्य समाप्ति के बाद पीएचसी स्तर पर दिनभर के छिड़काव कार्य की मानक के अनुरूप समीक्षा की जाय। साथ ही सुधार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश देना सुनिश्चित करें। डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि पैची छिड़काव एवं ओवरलैपिंग पर कडी निगरानी रखी जाय।
पंचायत प्रतिनिधि से प्राप्त करेंगे प्रमाण पत्र
डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि दवा छिड़काव के उपरांत अपने-अपने पंचायत के पंचायत प्रतिनिधियों से जैसे मुखिया, वार्ड सदस्य, प्रमुख और सरपंच आदि से छिड़काव प्रमाणपत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि छिड़काव के पूर्व इस संबंध में आम जनता के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। जिससे आम जनता अपने घरों में छिड़काव के लिए निर्धारित तिथि को सक्रिय होकर सहयोग प्रदान कर सके। इसके अलावा जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी अपने स्तर से छिड़काव से दो दिन पूर्व जिले के प्रत्येक आक्रांत प्रखंडों में सात दिवसीय माइकिंग के माध्यम से छिड़काव की तिथि एवं छिड़काव पूर्व घरेलू स्तर पर की जाने वाली तैयारी तथा छिड़काव से होने वाले लाभ एवं कालाजार रोग के लक्षण, उपचार एवं बचाव संबंधी जानकारी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।