जिले में  60 दिनों तक होगा सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव

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  • कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आईआरएस छिड़काव कर्मियों का हो रहा है प्रशिक्षण 
  • प्रभावित स्थानों, गौशालाओं आदि स्थानों पर छः फीट तक होगा छिड़काव 
बेतिया। जिले में दूसरे राउंड के कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रखंड स्तर पर छिड़काव दल के गठन के साथ ही कर्मियों को दो दिवसीय प्रशिक्षिण दिया जा रहा है। ताकि प्रशिक्षित हो सही मात्रा में दवा छिड़काव कर कालाजार के वाहक बालू मक्खियों को समाप्त कर सकें। इस संबंध में चनपटिया पीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि यहाँ चनपाटिया, नरकटियागंज, सिकटा प्रखंड के चयनित 30 श्रेष्ठ दल कर्मियों को प्रशिक्षण भीबीडीएस प्रकाश कुमार व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा दिया गया है। उन्होंने बताया की आईआरएस दूसरे चक्र का छिड़काव अगले सप्ताह से प्रारम्भ होगा, जो अगले 60 कार्य दिवस तक चलेगा। इस अभियान की सफलता के लिए बैनर, पोस्टर व मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाएगा।
प्रभावित स्थानों पर छः फीट तक होगा छिड़काव: 
भीबीडीएस प्रकाश कुमार ने बताया कि कालाजार प्रभावित स्थानों में घरों की दीवारों, गौशाला व अन्य स्थानों पर छः फीट तक दलकर्मी छिड़काव करेंगे। उन्होंने लोगों से घरों के आसपास साफ सफाई करने की बात बताई है। उन्होंने कालाजार के लक्षण की जानकारी देते हुए कहा बालू मक्खी के काटने से कालाजार होता है। जिसमें  14 दिनों से अधिक बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा सूखी, पतली होना आदि कालाजार के मुख्य लक्षण हैं। इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है। ऐसे रोग के लक्षण होने पर सरकारी अस्पताल में जाँच कराएं। इलाज व दवाओं की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध है।
छिड़काव के वक्त इन बातों पर दें ध्यान: 
घर की दीवारों में पड़ी दरारों को भर दें। खाने-पीने के सामान, बर्तन, दीवारों पर टंगे कैलेंडर आदि को बाहर कर दें। भारी सामानों को कमरे के मध्य भाग में एकत्रित कर उसे ढक दें। रसोईघर, गौशाला सहित पूरे घर में दवा का छिड़काव कराएं।
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