अशोक वर्मा
मुजफ्फरपुर : नगर के आमगोला रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शुक्रवार की संध्या स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया।.माउंट आबू से पधारे ग्लोबल हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डॉ प्रताप मिढा ने कहा कि पेशेंट की फिजिकल इलनेस के साथ-साथ माइंड काउंसलिंग ट्रीटमेंट भी आवश्यक है. माइंड काउंसलिंग से 50% रोगी ठीक हो जाते हैं. स्वस्थ वही है जो स्व अर्थात आत्मिक स्वरूप में स्थित है।.उर्दू में बीमारी कहते हैं,बी का अर्थ होता है भय. माउंट आबू के ग्लोबल हॉस्पिटल में 360 डिग्री केयर करते हैं।. पेशेंट के मन में क्या चल रहा है, परिवार में क्या चल रहा है. इन सबका कॉउंसलिंग किया जाता है.आज युवा लोग हार्ट की बीमारी से जान गवा रहे हैं उसका मुख्य कारण है भोजन और नींद ठीक नहीं है।स्ट्रेस को ठीक से हैंडल नहीं कर पा रहे हैं। ग्लोबल हॉस्पिटल में प्रत्येक पेशेंट के पास बीके टीचर बहन जाती है उनका काउंसलिंग करती है. कार्डियो आर्टरी डिजीज रिग्रेशन प्रोग्राम में हम पेसेंट को एजुकेट करते हैं. मन में विचार कैसे होना चाहिए. खान-पान क्या होना चाहिए. हल्का एक्सरसाइज क्या करना चाहिए. दवा के साथ दुआ भी देते हैं. जो गंभीरता पूर्वक अपने घर में यह नियम फॉलो करते हैं,उनका हृदय रोग ठीक हो जाता है.उन्हें एनजीओप्लास्टी या बाईपास सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है. कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया ने “माउंट आबू ओपन हार्ट् ट्रायल”नाम से रिसर्च पेपर पब्लिश किया है. एक साइंटिस्ट ने एक बुक लिखी है हाउ टू बूस्ट अप इम्युनिटी पावर. जो दूसरों की निःस्वार्थ मदद करते हैं उनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. ब्रह्माकुमारीज में सिखाते हैं – मन और तन का गहरा कनेक्शन है. मेडिटेशन में हम अपने लिए पॉजिटिव थॉट्स करते हैं. वातावरण के लिए पॉजिटिव थॉट्स करते हैं. पीसफुल वर्ल्ड के लिए पॉजिटिव थॉट्स एवं वाइब्रेशन्स फैलाते हैं. अमेरिकन साइंटिस्ट ने एक बुक लिखा है – पॉजिटिव साइकोलॉजी. जो ऑनेस्ट है,जो सिंसियर हैं,वह बीमार कम पड़ते हैं. हमारे पुराने ऋषि- मुनि तपस्या करते थे.मंत्रोच्चारण का हमारे फिजियोलॉजी पर प्रभाव पड़ता है. ब्रह्माकुमारीज राजयोग मेडिटेशन में पहला,सेल्फ मास्टरी सिखाई जाती है.अपने विचारों को सहेजना,बहुत बड़ी बात है.दूसरा, मेडिटेशन में हम परमात्मा से स्वयं को कनेक्ट करते हैं. तीसरा,धारणाएं अर्थात प्रिंसिपलस हम कितने करुणाशील हैं.., हम कितने दयालु हैं…, हम कितने केयरिंग है…यह चीजें जब जीवन में होती है,तो जीवन गुलदस्ता बन जाता है. चौथी सब्जेक्ट है सेवा. अपने जीवन में जो है,वह हम लोगों में शेयर करते हैं. दूसरे के जीवन को ट्रांसफॉर्म करते हैं. डॉक्टर के पास अगर कोई हार्ट पेसेंट आता है, डॉक्टर उसे डाइट कंट्रोल, एक्सरसाइज, मेडिटेशन,अल्कोहल टोबैको से दूर कर दे, तो उस पेशेंट को कितनी राहत मिल जाती है. होलिस्टिक मेडिसिन इज न्यू ऐज मेडिसिन.हम डॉक्टर समाज के लिए रोल मॉडल हैं, हमारा हेल्दी लाइफ़स्टाइल होगा तो प्रभाव समाज पर पड़ेगा.जब हमारी आत्मा शक्तिशाली होती है तो जीवन में सब कुछ इजी हो जाता है. इस अवसर पर डॉ बीबी ठाकुर ने उनके द्वारा बतायी बातों के प्रति सहमति व्यक्त की एवं प्रतिदिन की प्रैक्टिस में अपनाने का संकल्प किया.डॉ अरुण शाह ने भी सहमति जाहिर की एवं माइंड काउंसलिंग को आवश्यक बताया.बीके कंचन बहन ने मेडिटेशन कराया.संचालन बीके डॉ फणीश चन्द्र ने एवं बीके भास्कर भाई ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मुख्य रूप से प्रो डॉ बीबी ठाकुर,प्रो डॉ बीएल सिंघानिया,प्रो डॉ रामजी प्रसाद,प्रो डॉ मोती सिन्हा,डॉ अरुण शाह,डॉ एचएन भारद्वाज, डॉ एनके मिश्रा,डॉ नवीन कुमार, डॉ शाकिर आलम,डॉ अनुप्रिया,वैद्य ललन तिवारी,डॉ रणवीर कुमार,समाजसेवी एचएल गुप्ता,रो. संजीत शरण, बीके महेश, बीके पुष्पा, बीके अरविन्द एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे.।
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