धार्मिक सद्भाव का प्रतीक है हिन्दू-मुस्लिम के द्वारा निकलने वाली ताजिया- सौहार्द शिरोमणि डा. सौरभ पाण्डेय

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  • हिन्दू और मुस्लिम के ताजिया का साथ साथ होता है मिलन। 
सेराज अहमद कुरैशी 
 गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। नवासा-ए-रसूल हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व शहीदाने कर्बला की याद में मुहर्रम का जुलूस  डवरपार ,सोकहना,बरईपार, महावीरछपरा  बेलीपार, भीटी,सेवई,एकला, आदि गांवों तक गमगीन माहौल में निकाला गया। इस दौरान जगह-जगह मेले का भी आयोजन किया गया।
इसी क्रम में सोकहना ग्राम के हिंदुओं द्वारा निकाले जाने वाला ताजिया लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।यहां का ताजिया जुलूस धार्मिक सद्भाव का प्रतीक है ।यहां पर हिन्दू और मुस्लिम दोनो साथ साथ ताजिया निकालते है।और डवरपार ,बरईपार और सोकहना के ताजिया का मिलन बरईपार मोड़ पर हुआ जहां काफी संख्या में हिन्दू और मुस्लिम इकट्ठा होकर जुलूस में शामिल होकर बेलीपार  एकता एवम भाईचारा का पाठ सिखाती है।इस अवसर पर विश्व स्तर पर क्रियाशील सामाजिक सद्भावना के प्रतीक  धराधाम इंटरनेशनल  प्रमुख एवम। मानद कुलपति सौहार्द शिरोमणि डॉ .सौरभ पाण्डेय एवम नरेश  ने बताया कि सोकहना में हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा निकाली जाने वाली ताजिया वर्षो से परम्परागत तरीके से निकाली जा रही है।यहाँ भाईचारा देखने को मिल रहा है।
हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में डवरपार,बेलीपार,   सेवई,महावीर छपरा आदि गांवों से गमगीन माहौल में मुहर्रम का जुलूस निकाल कर कर्बला में रंजोगम के साथ ताजियों को सिपुर्द-ए-खाक किया गया।
इस अवसर पर वाजिद अली ,यासीन, जलालुद्दीन,शाकिर अली,बरकतुल्लाह ,हाफिज हबीबुर, सत्तार, गुरु बाबा, नजई, मुन्ना आदि ताजिया जुलूस समिति के सदस्य उपस्थित थे।
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