- आशा कार्यकर्ता देंगी घर-घर दस्तक
- लगातार बुखार, कमजोरी हो तो कराएं कालाजार की जाँच
बेतिया : जिले के कालाजार प्रभावित स्थानों पर आशा, फैसिलिटेटर के द्वारा कालाजार मरीजों की खोज अभियान शुरु की जाएगी। इसको लेकर आशाफैसिलीटेटर व स्वास्थ्य कर्मियों क़ो प्रशिक्षण दिया जाना है। इस सम्बन्ध में भीडीसीओ रमेश कुमार ने कहा की जिले के 12 प्रखंडो में राज्य के निर्देश के अनुसार पिरामल स्वास्थ्य के द्वारा प्रशिक्षण कराया जा रहा है। यह अभियान जिले में 10 दिनों तक चलेगा। अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की खोज करेंगी। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि बालू मक्खी के काटने से कालाजार होता है। कालाजार प्रभावित प्रखंडों में प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के घर के 500 मीटर के परिधि में (200 से 250 घर) घर-घर जाकर वीएल /एचआईभी+ पीकेडीएल रोगी की खोज जाएगी। क्षेत्र में अभियान की सफलता को लेकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कालाजार जांच की सुविधा उपलब्ध है। कालाजार की किट (आरके-39) से 10 से 15 मिनट के अंदर टेस्ट हो जाता है। हर सेंटर पर कालाजार के इलाज में विशेष रूप से प्रशिक्षित एमबीबीएस डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध है।भीबीडीएस प्रकाश कुमार ने बताया कि कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में पैसे भी दिए जाते हैं। बीमार व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार में रोगी को प्रदान की जाती है। वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार (पीकेडीएल) में 4000 रुपये की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है।
ऐसे लक्षण वालों क़ो हो सकता है कालाजार, जाँच जरूर कराएँ
•15 दिन से ज्यादा से बुखार हो
•जिन्हें भूख नहीं लगती हो, उदर बड़ा हो रहा हो
•जिनका वजन लगातार कम हो रहा हो
•शरीर काला पड़ रहा हो
• बुखार न हो पर शरीर पर दाग हो और पूर्व में कालाजार के रोगी रह चुके हों
