मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेज प्रताप यादव बतावे की पार्टी चलाने के लिए किस स्रोत का पैसा आ रहा है: प्रशांत किशोर

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अशोक वर्मा
 समस्तीपुर : तेज प्रताप, तेजस्वी और नीतीश कुमार से जनता को जरूर पूछना चाहिए कि आरजेडी और जदयू पार्टी को चलाने के लिए कहां से आ रहा पैसा?प्राइवेट प्लेन में बर्थडे मनाने के लिए तेजस्वी को कहां से मिलता है फंड? दोनों पार्टियों के पास आज आधा-आधा बिहार है और गरीबों को लूटकर ये अपनी पार्टी चला रहे है। उक्त बातें जन सुराज पदयात्री प्रशांत किशोर ने कही ।जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जेडीयू और आरजेडी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बिहार के नेता जैसे कि आरजेडी, जेडीयू या किसी लोकल पार्टी के नेताओं से हिम्मत जुटाकर सवाल पूछा जाना चाहिए कि आरजेडी कैसे चलती है? तेजस्वी यादव अपना बर्थडे प्राइवेट प्लेन में मनाते हैं, उसका पैसा कहां से आता है? नीतीश कुमार, तेज प्रताप और तेजस्वी यादव जनता को जवाब दें कि भईया तुम्हारे दल को चलाने के लिए पैसा आता कहां से है? क्योंकि आपका तो बिहार से बाहर कहीं कोई ठिकाना है नहीं। इन दोनों दलों के पास आधा-आधा बिहार है, इसी गरीब बिहार को लूटकर ये अपनी पार्टी चला रहे हैं।
बिहार में कई दलों पर शराब माफिया, बालू माफियाओं का है कब्जा: प्रशांत किशोर
समस्तीपुर के दलसिंहसराय में पत्रकारों के सवालों का बेबाकी से जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि मैंने 10 सालों में पूरे देश में काम किया है और आज देश के 6 राज्यों में ऐसे लोगों की सरकार है, जिनके बनने में हमने कंधा लगाया है। जन सुराज का अभियान जब मैंने शुरू किया, तो मैं घर-घर जाकर, गांव-गांव जाकर ये आश्वासन दे रहा हूं कि आप गरीब से गरीब व्यक्ति भी हैं। आप समाज में बिहार के राजनीतिक विकल्प के लिए नया प्रयास करना चाहते हैं, आप धन की, व्यवस्था की, संसाधन की चिंता मुझ पर छोड़िए और आप आइए और नया बिहार बनाइए। ये संसाधन कहीं से लाना पड़ेगा, ये उन लोगों से मदद ली जा रही है, जिनको पिछले दस वर्षों में देश के अलग-अलग हिस्सों में चुनाव जीतने में हमने मदद की है। बिहार में कोई ऐसा माई का लाल नहीं है, जो ये खड़ा होकर कह दे कि मैंने उनसे एक रुपया भी लिया हो। यहां एक कप चाय भी मैं किसी का नहीं पीता हूं, अपना चाय, खाना, टेंट, तंबू, गाड़ी लेकर चलता हूं। आप देख रहे हैं एक साल से मैं अपने खर्च पर चलता हूं। ये व्यवस्था मैंने इसलिए बनाई है ताकि बिहार में जो ठेकेदार हैं, माफिया हैं, पैसे वाले हैं उनका प्रभाव जन सुराज पर न पड़े, उनका दबाव न पड़े। अगर, मैं पैसे की व्यवस्था बाहर से नहीं करुंगा, तो जो यहां पैसे वाले हैं, शराब माफिया, बालू माफिया हैं, जैसे उन्होंने दूसरे दलों को कब्जा किया है, वे जन सुराज को भी कब्जा कर लेंगे। अगर, मैं भी किसी गरीब आदमी को आगे बढ़ाना चाहूंगा तो भी नहीं कर पाउंगा।
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