20 सितंबर को माउंट आबू के ब्रम्हाकुमारीज मुख्यालय में आयोजित किसान विंग्स के प्रोग्राम में चंपारण जिले से एक सौ किसान भाग लेंगे : बीके अबीता

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अशोक वर्मा
शांतिवन माउंट आबू : ब्रम्हाकुमारी के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू में आयोजित विभिन्न विभागों के कार्यक्रमो मे आए हुए भाई बहनों को संबोधित करते हुए ग्राम विकास  प्रभाग के बिहार झारखंड प्रभारी बीके अमिता दीदी ने कहा कि 20 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय मे ग्राम विकास कृषि प्रभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रम में दोनों चंपारण जिले के एक सौ किसानों की भागीदारी होगी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि चंपारण कृषि प्रधान जिला है चंपारण के लिए प्रचलित स्लोगन है “ई देश ह मझौआ  जहां भात न पूछे कौआ” इस कहावत के पीछे का रहस्य तह है की चंपारण जिला धान का गढ़ माना जाता है। एक अकेला चंपारण अगर चाहे तो पूरे बिहार को भात खिला सकता है लेकिन आज चंपारण की वह स्थिति नहीं है कृषि और किसान दोनों संकट में है प्रकृति के बदलते रूप का प्रभाव चंपारण के किसानों पर पड़ रहा है इसलिए पारंपरिक खेती में नए संशोधन हुए हैं जिसके लिए योगिक खेती एक सफल खेती के रूप में उभरा है ।नई तकनीक से योगिक खेती ,खाद और  कीटनाशक निर्माण आदि का सफल प्रयोग देश के किसान कर लाभ   रहे हैं। बिहार में कई जगहों पर यौगिक खेती हो रही है। इन्हीं सब बातों को लेकर सितंबर माह में माउंट आबू में किसानों का महासम्मेलन होने जा रहा है जिसमें खेती के नई तकनीक पर विशेष रूप से प्रकाश डाला जाएगा और किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा ।मोतिहारी से पधारे बीके अशोक वर्मा ने कहा कि इस संस्था के 20 प्रभागो  में एक ग्राम विकास कृषि प्रभाग है। संस्था सभी प्रभागों के लोगों के अंदर अध्यात्मिक शक्ति का संचार करने का काम कर रही है।  उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को अध्यात्मिक शक्ति संपन्न भी किया जाएगा ताकि नये रुप मे वे खेती कर सके। इससे उनकी माली  हालत सुधरेगी। उक्त अवसर पर रामनगर के भाई बहनों के अलावा  अवकाश प्राप्त सैनिक भी थे । पूर्वी चंपारण जिले के संगीत महाविद्यालय के प्राचार्य शैलेंद्र कुमार सिन्हा ,अवकाश प्राप्त मिलिट्री मैन बीके जेपी सिंह और थरुहट  क्षेत्र के कई भाई बहन थे
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