- डेंगू के लक्षणों व उससे बचाव के तरीके बताए गए
- सरकारी स्कूलों में बच्चों क़ो किया गया जागरूक
मोतिहारी : राष्ट्रीय डेंगू दिवस के मौके पर जिले के सरकारी विद्यालय व स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान लीफलेट देकर स्कूलों केबच्चों व शिक्षकों को डेंगू के लक्षण व बुखार से सुरक्षित रहने के उपाय बताए गए। मौके पर डीभीडीसीओ कंसलटेंट अभिषेक कुमार ने बच्चों क़ो बताया की डेंगू मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। इसके काटने के कारण तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक-मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना और काला मल होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल सरकारी अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है।
सरकारी स्कूलों में लगायी गई चौपाल:
स्वास्थ्य प्रबंधक तुरकौलिया भीडीसीओ राकेश कुमार, भीबीडीएस ओमकार नाथ व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने सीएचसी तुरकौलिया में एवं उच्चमाध्यमिक विद्यालय ,पठवा में प्रधान शिक्षक, टीचर्स के सहायता से डेंगू के बारे में बच्चों क़ो जागरूक किया,वहीं जयसिंहपुर पूर्वी,अमरखिया बाजार तुरकौलिया में चौपाल लगाई गई।
इन उपायों द्वारा डेंगू से सुरक्षित रह सकते हैं:
भीडीसीओ राकेश कुमार ने बताया कि सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें।
