छठा क्राऊन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल बंगलादेश में डा. राजेश अस्थाना को मिला बेस्ट डायरेक्टर ऑफ द ईयर एवं बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड

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मोतिहारी : मुद्दों पर आधारित सामाजिक सरोकारों से जुड़ी फिल्में बनाने की वजह से अलग पहचान बनाने में कामयाब हुए डा. राजेश अस्थाना की फ़िल्म चम्पारण सत्याग्रह छठा क्राऊन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल बंगलादेश में छः केटेगरी बेस्ट डायरेक्टर ऑफ द ईयर, बेस्ट एक्टर (डा. राजेश अस्थाना), बेस्ट फिल्म, बेस्ट स्टोरी, बेस्ट स्क्रीनप्ले, एवं बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का अवॉर्ड जीतने से आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
फ़िल्म चम्पारण सत्याग्रह छठा क्राऊन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल बंगलादेश में छः केटेगरी बेस्ट डायरेक्टर ऑफ द ईयर, बेस्ट एक्टर (डा. राजेश अस्थाना), बेस्ट फिल्म, बेस्ट स्टोरी, बेस्ट स्क्रीनप्ले, एवं बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का अवॉर्ड जीतने से आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। कला के मामले में चम्पारण की भूमि काफी उर्वरा रही है। एक दौर था जब चम्पारण को बिहार की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता था। कई दिग्गजों की वजह से यहाँ के कलाकारों की चर्चा के बगैर फ़िल्मी दुनिया की चर्चा अधूरी सी लगती है। इन चर्चित नामों में फ़िल्म निर्माता निर्देशक और अब अभिनेता प्रकाश झा, अभिनेता मनोज बाजपेयी के बाद सिनेमा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से पुरस्कृत एवं दर्जनों अवार्ड से सम्मानित फ़िल्म लेखक, अभिनेता व  निर्देशक डा. राजेश अस्थाना मुद्दों पर आधारित सामाजिक सरोकारों से जुड़ी फिल्में बनाने की वजह से अलग पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं। चम्पारण में फिल्मों के प्रचार प्रसार का श्रेय डा. राजेश अस्थाना को ही जाता है।
वर्ष 1980 में प्रकाश झा द्वारा चम्पारण में पहली बार ‘दामुल’ फ़िल्म की शूटिंग के पश्चात वर्ष 1985 में पहलीबार फ़िल्म “गोरखनाथ बाबा तोहे खिचड़ी चढ़इबो” से पहलीबार कैमरा फेश करनेवाले डा. अस्थाना सुपर स्टार गोविंदा एवं मंदाकिनी के साथ नया खून, राजीव कपूर एवं जूही चावला के साथ हयात (मोहब्बत – मोहब्बत) समेत दो दर्ज़न से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। डा. अस्थाना ने ‘थोड़ा सा सच’ से फिल्म अछूत, आत्मघात, संदेश, रामकली, अभिशप्त, मैं चम्पारण हूँ मेरा बयान सुनो, चम्पारण में बापू, कर्मयोगी, द ट्रेनिंग ऑन ईवीएम, रूटीन इम्यूनाइजेशन, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के बढ़ते कदम, कल के भविष्य, गंगा माई जईसन भऊजी हमार, राऊर नेहिया बा अनमोल, जियरा ले गईल चोर जैसी टेलीफिल्म और फीचर फ़िल्मों का निर्माण कर गति को आयाम दिया। 23 टेलीफ़िल्में, 2 सीरियल, 8 डाक्यूमेंट्री एवं 6 फीचर फिल्म बनाने के साथ एक वेब सीरीज पर काम कर रहे डा. अस्थाना ने 150 नाटकों के मंचन के साथ साथ काफ़ी उत्पादों का मॉडलिंग भी किया है।
ज्ञात हो कि युवराज मीडिया एण्ड एंटरटेनमेंट द्वारा कॉरपोरेट रूप में बन रही यह फ़िल्म सुप्रसिद्ध गाँधीवादी ब्रजकिशोर सिंह लिखित “चम्पारण में बापू” एवं डा. राजेश अस्थाना द्वारा लिखित पुस्तक “चम्पारण सत्याग्रह गाथा” से संदर्भित है। युवा फ़िल्मकार ई. युवराज द्वारा निर्मित “चम्पारण सत्याग्रह” की परिकल्पना, कथानक, स्क्रिप्ट, संवाद, अभिनय एवं निर्देशन का जिम्मा राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त बिहार के चर्चित फिल्मकार डा. राजेश अस्थाना ने स्वयं संभाला है।
अवार्ड जीतने के पश्चात् फ़िल्म के अभिनेता व निर्देशक डा. राजेश अस्थाना ने बताया कि यह अवार्ड चम्पारण सत्याग्रह से जुड़े सभी स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवार के साथ साथ मेरी सम्पूर्ण टीम को समर्पित है।
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