पटना : बिहार की गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा एवं रोजगार के लिए समर्पित कहे जाने वाले गुरू रहमान ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं सिविल सेवा परीक्षा में ‘नॉर्मलाइजेशन’ के विरोध के दौरान की गई टिप्पणियों को लेकर बीपीएससी की नोटिस पर आज स्पष्ट कर दिया कि यदि अभ्यर्थियों के हित में उन्हें जेल भी जाना पड़े तो वह जाएंगे लेकिन आयोग से माफी नहीं मांगेंगे।
गुरू रहमान से बीपीएससी के लीगल नोटिस पर उनका पक्ष जानने के लिए रविवार को संवाद एजेंसी ‘यूनीवार्ता’ ने टेलीफोन पर संपर्क किया तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया, “किसी भी हाल में माफी नहीं मांगूंगा। छात्र हित में जेल जाने को तैयार हूं। आयोग के सचिव और अध्यक्ष झूठे हैं। मैंने नॉर्मलाइजेशन का विरोध किया था और अभी भी कर रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा।” हालांकि उन्होंने बीपीएससी से 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को पूरी तरह से रद्द कर दुबारा परीक्षा कराने की भी मांग की।
श्री रहमान ने कहा कि बीपीएससी के अध्यक्ष मुन भाई परमार और सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने 30 अक्टूबर 2024 को पटना के कई कोचिंग के शिक्षकों के साथ बैठक की और 70वीं सिविल सेवा परीक्षा के संबंध में चर्चा की। साथ ही आयोग के अध्यक्ष एवं सचिव ने नॉर्मलाइजेशन को लेकर छात्रों से बातचीत के लिए 15 नंवबर 2024 काे पटना के बापू सभागार में बैठक बुलाने का आश्वासन दिया लेकिन यह बैठक नहीं बुलाई गई। अंतत: मजबूर होकर 06 दिसंबर से हमलोगों ने नॉर्मलाइजेशन का विरोध शुरू कर दिया।
गुरू रहमान ने कहा, “बीपीएससी और उसके अधिकारी हमेशा अपने वादों और आश्वासनों से मुकरते रहे। इसके बावजूद मैंने कभी भी आयोग के अधिकारियों के विरुद्ध कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। साथ ही बीपीएससी 70वीं सिविल सेवा परीक्षा की अधिसूचना में बिंदु दो के ठीक पहले ‘नोट’ के तीन नंबर प्वॉइंट में स्पष्ट रूप से नॉर्मलाइजेशन लागू करने का उल्लेख किया गया है। अब यदि हमने इसका विरोध किया तो क्या गलत किया, फिर भी आयोग ने लीगल नोटिस भेजा है तो मैं उसका जवाब अवश्य दूंगा। हालांकि उन्होंने एक बार फिर दोहराया, “छात्रों के हित में मुझे जेल भी जाना पड़े तो मैं जाने को तैयार हूं लेकिन आयोग से माफी नहीं मांगूंगा।”
उल्लेखनीय है कि बीपीएससी ने गुरु रहमान को लीगल नोटिस भेजा है। यह नोटिस बीपीएससी की ओर से पटना उच्च न्यायालय के वकील विवेक आनंद अमृतेश ने भेजा है। इस नोटिस में कहा गया है, “आप उन चंद लोगों में से हैं, जिन्होंने शुरू में नॉर्मलाइजेशन के बारे में अफवाह फैलाई थी, जिसमें कहा गया था कि आपको डर है कि बीपीएससी नॉर्मलाइजेशन लागू करने जा रहा है। नॉर्मलाइजेशन की आड़ में उपरोक्त तुच्छ टिप्पणी करके और समाचार बाइट देकर आपने अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करके और आयोग तथा उसके पदाधिकारियों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश की है। यह स्पष्ट रूप से उपरोक्त अपमानजनक बयानों के पीछे आपकी दुर्भावनापूर्ण मंशा को दर्शाता है। अभ्यर्थियों के कल्याण से आपका कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि आप आयोग के संबंध में अफवाह फैलाकर अभ्यर्थियों और आम लोगों को गुमराह कर रहे हैं।”
आयोग ने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर यह स्पष्ट है कि गुरू रहमान निराधार और कलंकपूर्ण टिप्पणी करके बीपीएससी और उसके अधिकारियों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए उत्तरदायी हैं। इसलिए, गुरू रहमान से अनुरोध है कि वह पंद्रह दिनों के भीतर आयोग और उसके अधिकारियों से बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगें और आगे से किसी भी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करने से बचें।
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