Live News 24 x7 के लिए मोतिहारी से कैलाश गुप्ता की रिपोर्ट।
अखबारों और सोशल मीडिया से ही बहुत बातों की त्वरित वह सही जानकारी प्रशासनिक महकमों और आम जनों तक पहुँचती है। प्रिंट हो या सोशल मीडिया इनके माध्यम से मिली कि मामलों पर हमने संज्ञान लिया और कार्रवाई भी किया हूँ। उक्त बातें आज 16 नवम्बर को समाहरणालय अवस्थित डॉ राधकृष्णन सभा कक्ष में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर जिला सूचना एवं जन संपर्क पूर्वी चम्पारण के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने कही।
वही पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया हो या प्रिंट सभी को आज़ादी है सही बातों को प्रसारित करना। देखा जाय तो हम सभी पत्रकार है। हम दोनों जनता के हित में ही कार्य करते है। पत्रकारिता एक स्वतंत्र संस्था है। पत्रकारों के लेखनी का बहुत महत्व है। पत्रकारों यह हर ध्यान रखना चाहिए कि सही बातों को प्रसारित करें।
वही मौके पर नगर आयुक्त सुमन सौरभ यादव ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी मिली समस्याओं का भी शीघ्र समाधान कराया जाता है। प्रिंट और सोशल मीडिया समस्याओं की जानकारी के लिए एक सशक्त माध्यम है।
मौके पर जिले वरिष्ठ पत्रकार चंद्रभूषण पांडेय ने पत्रकार और पत्रकारिता पर वृहत रूप से उपस्थित पत्रकारों के बीच रखा। वही ज्ञानेश्वर गौतम ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रेस और पत्रकारिता के उत्तपत्ति के संबंध में उत्प्रेरक बातें बताई। उक्त मौके पर जिले लगभग सभी समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के प्रतिनिधि गण उपस्थित रहे।
गौरतलब हो कि मीडिया को अक्सर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, जो जनमत को आकार देने, विकास को गति देने और सत्ता को जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रगति के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में स्थापित है। वर्षों से, मीडिया लाखों लोगों के हितों की रक्षा करने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। इसके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए, हमारे समाज में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की आवश्यक भूमिका का सम्मान करते हुए ही हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है।
यह उस दिन का प्रतीक है जब 1966 में भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने अपना संचालन शुरू किया था। परिषद का विचार पहली बार 1956 में प्रथम प्रेस आयोग द्वारा प्रस्तावित किया गया था , जिसने प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा और नैतिक रिपोर्टिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया था। अपने गठन के बाद से पीसीआई ने प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, यहां तक कि राज्य की कार्रवाइयों पर अधिकार रखते हुए यह सुनिश्चित किया है कि मीडिया बिना किसी डर या हस्तक्षेप के काम कर सके। यह दिन स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस का प्रतीक है, जो लोकतंत्र का केंद्र है। इसे विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से मनाया जाता है
मीडिया में उत्कृष्ट योगदान के लिए पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी राष्ट्रीय प्रेस दिवस अवसर पर पुरस्कार से विभिन्न क्षेत्रों के असाधारण पत्रकारों को सम्मानित करते हैं, जिनमें प्रतिष्ठित राजा राम मोहन रॉय पुरस्कार सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। वही इस अवसर पर स्मारिका का भी प्रकाशन कराया जाता है जिसमें प्रमुख नेताओं के सद्भावना संदेशों और मीडिया विशेषज्ञों और शिक्षाविदों के विचारों का संकलन को समाहित किया जाता है।
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