- घर जाकर जाना फाइलेरिया मरीजों का हाल
- फाइलेरिया एवं कालाजार के मानकों पर भी हुआ उन्मुखीकरण
- साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन के तहत फाइलेरिया रोधी दवा खाने की सलाह
वैशाली। जिले के जंदाहा पीएचसी में फाइलेरिया मरीज रोग नियंत्रण एवं प्रबंधन से परिचित हुए। इसी क्रम में छह फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण हुआ। किट का वितरण प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार तथा पीरामल के पीयूष कुमार ने की। इस मौके पर डॉ रविन्द्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। यह मच्छर के काटने से होती है। इस बीमारी का सबसे बुरा पक्ष है कि इससे जीवन भर की अपंगता साथ में आती है। इस रोग से निपटने का दो ही तरीका है, पहला इस बीमारी को होने ही न दिया जाए। इसके लिए साल में एक बार होने वाली सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा को खाना। वहीं दूसरा उपाय इस रोग के होने पर एमएमडीपी किट के माध्यम से सूजन के स्थान को एंटीसेप्टिक और सामान्य ठंडे पानी से धोना है। रोग प्रबंधन के इस तरीके से फाइलेरिया के एक्यूट अटैक से भी बचा जा सकता है।
एमओआईसी रविंद्र कुमार ने फाइलेरिया मरीजों के घरों का दौरा किया और फाइलेरिया प्रबंधन पर परामर्श प्रदान की गयी।
कार्यक्रम के दौरान फाइलेरिया और कालाजार से बचाव एवं नियंत्रण के अन्य बिंदुओ पर चर्चा हुई और फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट के उपयोग की भी जानकारी दी गयी।
मौके पर पीयूष जिला पीरामल टीम और कृष्णदेव, वीबीडीसी ऋषि, ब्लॉक कम्युनिटी मैनेजर मंगल एवं धीरेंद्र मौजूद थे।
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