गया।”पत्रीजी बोधगया ध्यान महायज्ञ 2024″ के दूसरे दिन बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी रही, सुबह 5 बजे से ही लोगों के आने का तांता इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, बोधगया की ओर लगा रहा, कार्यक्रम के शुरुआत में 2 घंटे का लाइव संगीत ध्यान सत्र का आयोजन हुआ जिसमें एक साथ 1000 से अधिक लोगों ने ध्यान किया। कार्यक्रम के अगले सत्र में देश के दूसरे राज्यों से आये वरिष्ठ पिरामिड मास्टर्स ने ध्यान से सम्बंधित लोगों के प्रश्नों का जवाब दिया और ध्यान के महत्वपूर्ण गुणों के बारे में बताया है। आज का कार्यक्रम मुख्य रूप से विश्व के प्रसिद्ध ध्यान प्रशिक्षक श्रेयांस डागा के इर्द-गिर्द रहा, श्रेयांस डागा ने अपने सत्र में ध्यान से सम्बंधित कई प्रमुख बातों का उल्लेख किया जैसे मनुष्य के जीवन पर ध्यान का प्रभाव, ध्यान से मानसिक और शारीरिक शांति, ध्यान से कई रोगों से छुटकार, सांस कैसे काम करती है ब्रेथ वर्ककई बातों पर उन्होंने अपनी बातें लोगों के समक्ष रखी और लोगों के प्रश्नों का जवाब दिया है।आगे के सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत किये गए डांस और गानों पर लोग झूम उठे। “पशुओं की अदालत” से सम्बंधित कार्यक्रम में जानवरों पर किये जा रहे हिंसा और उनकी व्यतथा और व्याकुलता को प्रस्तुति के जरिये लोगों के समक्ष रखा गया।
बिहार के सभी जिलों से आये ध्यान मास्टर्स ने अपने विचार रखे और लोगों को ध्यान क्यों करना चाहिए इसके बारे में लोगों को बताया। दूसरे दिन के कार्यक्रम के अंत में एक भव्य शाकाहार रैली निकाली गयी जिसमे बड़ी संख्या में लोग पिरामिड टोपी पहन और ध्यान एवं शाकाहार से सम्बंधित संदेशों को लोगों तक पहुंचाने के लिए समूह में इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर से निकल कर, सुजाता बाईपास मोड़ होते हुए टिक्का बीघा पर रैली की समाप्ति की है।मालूम हो कि विगत 9 महीनों में पिरामिड स्पिरिचुअल सोसायटीज़ मूवमेंट एवं बिहार पिरामिड मेडिटेशन फाउंडेशन के द्वारा बिहार में लगभग 28 हजार से अधिक लोगों को ध्यान सिखाया गया है।
