मुजफ्फरपुर की तीन नाबालिग लड़कियों का शव मथुरा में रेलवे ट्रैक के किनारे मिला है। बताया जा रहा है कि तीनों लड़कियां एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर अचानक रेलवे ट्रैक पर खड़ी हो गईं। इसी दौरान सामने से आ रही मालगाड़ी की चपेट आ गई और तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
इनमें से एक के कपड़े पर मुजफ्फरपुर के टेलर का टैग लगा था। जिसके आधार पर यूपी पुलिस को पता चला कि लड़कियां मुजफ्फरपुर की हैं। मथुरा पुलिस ने बिहार पुलिस से संपर्क किया। जानकारी मिली कि मुजफ्फरपुर शहर के योगियामठ की गौरी (14), माया (13) और बालूघाट की माही एक साथ 13 मई से लापता थीं। बताया जाता है कि तीनों एक साथ घर से निकली थीं। माही के घर से एक पत्र भी मिला, जिसमें लिखा है, तीन माह तक हम लोगों की खोजबीन नहीं कीजिएगा।
मुजफ्फरपुर पुलिस ने इनके परिजनों से संपर्क किया और डेड बॉडी का फोटो दिखाया। गौरी और माया आसपास रहती हैं, जबकि माही का घर थोड़ी दूर पर है। तीनों के परिजन लाश की पहचान के लिए मथुरा गए हुए हैं।
मुजफ्फरपुर में सिटी एसपी ने कहा कि तीनों की ट्रेन कटकर मौत हुई है। लोको पायलट ने कहा कि तीनों ट्रैक पर एक-दूसरे का हाथ पकड़े खड़ी थी। जैसे कि उन्हें आत्महत्या करनी हो। परिजन पहचान के लिए गए हैं। डीएनए और ब्लड सैंपल से लाश की पहचान होगी। तीनों वहां तक कैसे पहुंची ये अभी पता नहीं चला है।
गौरी के चाचा अमित रजक ने कहा कि गौरी, माया और माही 13 मई से लापता थीं। गौरी ने कहा था, गरीब स्थान मंदिर में पूजा के बाद स्कूल जाऊंगी। उसके साथ माही और माया भी थी। माही के पास मोबाइल था। जब 2 बजे तक गौरी घर नहीं आई तो माही के मोबाइल पर फोन किया। उसका फोन बंद आ रहा था। जिसके बाद स्कूल गए तो बंद था। माही के घर गए तो वो भी वहां नहीं थी। पूरे दिन काफी खोजबीन की, लेकिन कुछ नहीं पता चला। इस दौरान एक पत्र मिला जिसमें लिखा है, हम लोग धार्मिक यात्रा व हिमालय पर जा रहे हैं। तीन माह तक हम लोगों की खोजबीन नहीं कीजिएगा।
गौरी के चाचा के अनुसार प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए नगर थाने पहुंचे। लेकिन, वहां 10 दिन तक एफआईआर दर्ज नहीं किया गया। आवेदन बदलने की बात कही गई। हालांकि, माही के परिजन ने अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने माही के मोबाइल का लोकेशन दिया था। जिसके बाद 14 मई को गौरी के परिजन लखनऊ गए। वहां पूरे शहर में खोजबीन की। इसके बाद नगर पुलिस ने कानपुर का लोकेशन दिया। परिजन वहां भी गए, पर बच्चियां नहीं मिलीं। गौरी पूजा-पाठ खूब करती थी। आसपास के लोगों ने मथुरा जाने को कहा, वहां भी हमलोग गए। पर वो वहां भी नहीं मिली।
गौरी के चाचा ने कहा कि दूसरे राज्य में पुलिस पूरी मदद करना चाहती थी। पर एफआईआर की मांग की जा रही थी। जबकि, मुजफ्फरपुर के नगर थाने में पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी। जिस वजह से बाहर की पुलिस हमारी मदद नहीं कर रही थी। 22 मई को नगर थाने की पुलिस ने केस दर्ज किया। 26 मई को मुजफ्फरपुर पुलिस को मथुरा पुलिस का कॉल आया। जिसमें रेलवे लाइन किनारे तीन डेड बॉडी मिलने की जानकारी दी गई। पुलिस ने हमें सूचना दी।
पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक छानबीन में तीनों डेड बॉडी इन्हीं तीनों लड़कियों की है। परिजन के साथ वहां पहुंच कर आगे की छानबीन कर डेड बॉडी शहर लाई जाएगी।
बताया जा रहा कि 6 माह पहले गौरी, माया और माही तीनों संपर्क में आईं। तीनों की पहचान एक कोचिंग में हुई। माही पूर्व से बोचहा में स्वामी नारायण सत्संग बिहार में आती जाती थी। माही के संपर्क में आने के बाद गौरी और माया भी भगवान कृष्ण की पूजा करने लगीं और इन्होंने मांसाहार खाना बंद कर दिया। गौरी और माया अपने परिवार वालों को भी मांसाहार खाना बंद करने की बातें कहने लगीं।
सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने कहा कि तीन डेड बॉडी कुछ दिन पहले मथुरा में मिली है। सत्यापन के लिए टीम के साथ परिजन को भेज गया है। गर्मी की वजह से डेड बॉडी डीकंपोज हो गई है। परिजन के ब्लड सैंपल से जांच कर डेड बॉडी की पहचान की जाएगी।
रेलवे ट्रैक पर बच्चियां कटी है। जिस मालगाड़ी से हादसा हुआ। उस ट्रेन के चालक से बात हुई है। उन्होंने कहा कि तीनों हाथ जोड़कर ट्रैक किनारे चल रही थी। इसके बाद अचानक पटरी पर आई गई। ट्रेन की रफ्तार अधिक थी, इस वजह से उनकी कट कर मौत हो गई। थाने में एफआईआर में देरी हुई है तो उसकी जांच होगी। दोषी पर एक्शन लिया जाएगा।
274