उत्तर पूर्वी दिल्ली के इंडिया गठबंधन प्रत्याशी कन्हैया कुमार पर माला  पहनाने के बहाने थप्पड़ मारना लोकतंत्र पर हमला है

Live News 24x7
3 Min Read
  • हार की संभावना से एनडीए डिप्रेशन मे : जगदीश  विद्रोही
अशोक वर्मा
मोतिहारी : उत्तर पूर्वी दिल्ली से इंडिया गठबंधन कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार कन्हैया कुमार पर चुनावी सभा के दौरान माला पहनाने के बहाने थप्पड़ मारने वाले युवक की पूरे देश में तीव्र भर्त्सना हो रही है। पूर्वी चंपारण के विभिन्न दलों के कई बड़े छोटे नेताओं के अलावा बुद्धिजीवियों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है। प्रोफेसर जगदीश विद्रोही कवि ने कहा कि इस बार लोकसभा का परिणाम पूरे देश को चकित करने वाला होगा। मुफ्त गेहूं बाटकर लोगों को भीखमंगा की श्रेणी में लाने वाली एनडीए सरकार की आलोचना पूरे देश में हो रही है। उन्होंने कहा कि एनडीए के लोग इस बात को मान लिए हैं कि इस बार लोकसभा मे 200 से नीचे उनकी संख्या होने जा रही है। यह हताश होने का ही परिणाम है कि कन्हैया कुमार जैसे प्रखर वक्ता को माला पहनने के बहाने थप्पड़ मारा गया। कन्हैया कुमार आज अंतरराष्ट्रीय स्तर के नेता हो चुके हैं ।जेएनएनयूआरएम यू से निकले कन्हैया कुमार मे गजब की प्रतिभा है ।वर्तमान समझौता के दौर में वे गलत से समझौता नहीं कर रहे हैं और तमाम भ्रष्टाचारियों को बेनकाब कर रहे हैं ।प्रोफेसर विद्रोही ने हमलावर को कड़ी से कडी सजा देने की मांग की है। स्पोर्ट्स क्लब के सचिव एव  लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी प्रभाकर जयसवाल ने कहा कि कन्हैया कुमार की सभा मोतिहारी में जो हुई थी वह ऐतिहासिक सभा थी बिना किसी विधायकी  पद पर रहे कन्हैया कुमार ओज पूर्ण भाषण के कारण आज पूरे देश में ही नहीं बल्कि  विदेश में भी चर्चित  है ।यह देश के  डेमोक्रेटिक सिस्टम के लिए सौभाग्य की बातें है। कन्हैया कुमार एनडीए सरकार की पोल खोल कर रख दी है। हमलावर  को अभिलंब कड़ी से कडी सजा मिलनी चाहिए। बहुत से प्रगतिशील विचारधारा के लोगों ने भी इस घटना आलोचना की है । पूर्व विधायक कामरेड रामाश्रय सिंह ने कन्हैया कुमार पर हुए हमला की निंदा करते हुए कहा कि इस हमले ने कन्हैया कुमार की वोट प्रतिशत को बढ़ा दिया, हमला करने  वाला व्यक्ति अनजाने में ऐसी गलती कर दी।  अब रिकॉर्ड मत से कन्हैया कुमार जीतने जा रहे हैं। जनशक्ति अखबार के पूर्व रिपोर्टर शेख मोहम्मद हाशिम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कन्हैया कुमार हमारे लिए एक धरोहर से कम नहीं है, आज जहां लोग समझौता कर रहे हैं एवं सत्ता धारियो की चापलूसी कर  दूम हिला रहे हैं ऐसे दौर में कन्हैया कुमार जान हथेली पर रखकर  सरकार की गलत नीतियों का विरोध कर रहा है जो डेमोक्रेसी के सिस्टम के लिए एक शुभ संकेत  है।
150
Share This Article
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *