रांची :राज्य में अवैध शराब व एमआरपी से अधिक वसूली पर लगाम कसने की कवायद तेज हो गई है।
झारखंड उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव मुकेश कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बिकी तो उस उत्पाद दुकान के कर्मचारी के साथ-साथ संबंधित एजेंसी पर भी कार्रवाई होगी।
मुकेश कुमार ने झारखंड के सभी जिलों के सहायक आयुक्त उत्पाद, उत्पाद अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दे दिया है कि किसी भी कीमत पर अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उत्पाद सचिव के इस निर्देश का असर दिखने लगा है। सभी जिलों में वहां के सहायक आयुक्त उत्पाद
प्रेस कांफ्रेंस कर यह सूचना आम जनता में प्रसारित कर रहे हैं कि जहां भी इस तरह की अनियमितता मिले
उसका विरोध करें और विभाग को इसकी सूचना दें। इसका असर यह
पड़ा है कि पहले जिस तरह खुदरा शराब दुकानदार खुलेआम व दादागिरी से एमआरपी से अधिक
मांगते थे उसे पर असर पड़ा है ।समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, जिसे खत्म करने की कोशिश मुकेश कुमार के द्वारा की जा रही है
एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब की बिक्री में विभागीय अधिकारियों-कर्मियों की संलिप्तता उजागर होती रही है
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव मुकेश कुमार ने बताया कि उत्पाद सचिव बनते ही उन्होंने सबसे
पहले अपने खुफिया तंत्र को विकसित किया। इसका असर यह हुआ कि बोकारो, जामताड़ा व सरायकेला में
नकली शराब फैक्ट्री पकड़ी गई। हर जिलों में टीम बनाकर छापेमारी की जा रही है, उसका फालोअप
भी कराया जा रहा है। रांची में सिंघानिया के विरुद्ध कार्रवाई, हजारीबाग में भी छापेमारी हुई।
अवैध शराब के विरुद्ध लगातार कार्रवाई जारी है। सूचनाएं गोपनीय रखी जाती है और प्रशासनिक सहयोग
से छापेमारी की जाती है।
उत्पाद सचिव ने शराब की सभी खुदरा दुकानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है।
इतना ही नहीं, शराब की कीमत से संबंधित प्राइस लिस्ट भी बेहतर डिस्प्ले के साथ लगाने का निर्देश है, ताकि आम जनता एमआरपी से अधिक कीमत न दे सके। इसकी विधिवत तरीके से मॉनिटरिंग भी की जाएगी। जहां से शिकायत मिलेगी, वहां कार्रवाई होगी।
उत्पाद विभाग ने राज्य की सीमा को सील कर रखी है। पहले दूसरे राज्य पश्चिम बंगाल, हरियाणा,
पंजाब आदि से अवैध तरीके से शराब की सप्लाई झारखंड में हो रही थी। उसे रोकने के लिए इंटर स्टेट सप्लाई चेन को ध्वस्त किया गया है।
