अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के समीक्षा जिलाधिकारी ने की

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गया।जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में भू अर्जन विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई है।  भू अर्जन कार्यालय से संचालित योजनाएं  ए के आइ सी अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर, एनएच 119डी भारत माला आमस से रामनगर आदि की समीक्षा की गई है।एनएच 119 डी भारतमाला आमस से रामनगर निर्माण योजना के समीक्षा* में बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 57 राजस्व ग्राम है तथा इसकी प्राक्कलित राशि 254.733 करोड़ में से 189.03 करोड़ रुपये रैयत के बीच मुआवजा वितरित की जा चुकी है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि 2890 रैयतों में से 1864 रैयतों को भुगतान करवा दिया गया है। 1026 रैयत भुगतान हेतु लंबित है। इस योजना के तहत गुरारू अंचल क्षेत्र में 288 रैयतों का एलपीसी, परैया में 125, बेलागंज में 177, टिकारी में 279, आमस में 14 एव गुरुआ में 64 रैयतों का एलपीसी निर्गत नही हुआ है। डीएम ने नारागजी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया है कि सभी संबंधित अंचलाधिकारी अपने अमीन एव राजस्व कर्मचारियों को लगाकर कैम्प मोड में एलपीसी अगले 7 दिनों में 100% करवाये। जहां भी रैयतों का नाम स्पष्ट है उन मामलों में हर हाल में 3 दिनों में एलपीसी निर्गत करे। शेष मामलों में राजस्व कर्मचारी के माध्यम से नोटिस तामिला करवाकर एलपीसी निर्गत करवाये।  ज़िला भुर्जन पदाधिकारी ने बताया कि अब तक 1864 एलपीसी विभिन्न अंचलों द्वारा निर्गत हुए थे, उसके एवज में 1864 रैयतों को मुआवजा भुगतान भी करवा दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि गुरुआ के काज मौजा एव आमस के गंगटी मौजा में सड़क निर्माण थोड़ी धीमी है, संबंधित अंचलाधिकारी उसे तेजी से समाधान करवाये। प्रोजेक्ट के प्रॉजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि सभी छोटे छोटे स्ट्रेच को पजेशन दिलवाकर सड़क निर्माण करवाने हेतु आलाधिकारियों की सहयोग अपेक्षित है, डीएम ने सभी आलाधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रॉजेक्ट डायरेक्टर के माध्यम से जो भी जहां भी पजेशन की आवश्यकता पड़े, उन्हें मदद करे। ताकि बरसात के पहले ज्यादा से ज्यादा स्ट्रेच का काम पूरा हो सके।अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के समीक्षा में जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि अमृतसर दिल्ली कोलकाता आद्योगिक कॉरिडोर के तहत कुल 13 मौजा 1670.22 एकड़ का रकबा है। उक्त परियोजना के निर्माण हेतु 253 करोड़ प्राप्त राशि के विरुद्ध 181.76 करोड़ रुपए का वितरण किया जा चुका है। इस परियोजना में 1579 हितबद्ध रैयतों है, जिसके विरुद्ध 1286 रैयतों को भुगतान की जा चुकी है। रैयतों की जमाबंदी पूर्वजों के नाम के होने के कारण वर्तमान रहे लोगो को भुगतान में थोड़ी धीमी प्रगति है मुआवजा भुगतान हेतु मौजावार शिविर का आयोजन निरंतर किया जा रहा है। बताया गया कि 1014.74 एकड़ की रकवा में दखल कब्जा करवा दिया गया हैअंचलाधिकारी डोभी द्वारा बताया गया कि सरकारी भूमि का अवैध जमाबंदी कायम जो जाने के कारण जमाबन्दी रद्दीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।  जमीन पर्चा का भी सत्यापन तेजी से करवाया जा रहा है।   जिला पदाधिकारी ने अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर योजना के तरह एलपीसी निर्गत में धीमी प्रगति को देखते हुए निर्देश दिया कि कैंप के माध्यम से रैयत के बीच एलपीसी निर्गत करने में तेजी लावे। जिला पदाधिकारी ने सख्त निर्देश दिया कि भूमि के मापी के नाम पर कार्य धीमा ना रखें। अधिक से अधिक एलपीसी निर्गत करें। रैयतों की सूची बनाएं और कैंप के माध्यम से एलपीसी निर्गत करें।  प्रतिदिन इस  प्रोजेक्ट की समीक्षा अंचल अधिकारी से करें साथ ही रैयतो को उनकी भूमि अधिग्रहण से संबंधित पूरी जानकारी दें। जानकारी के अभाव में  रैयतों को मुआवजा प्राप्त हेतु आवेदन जनरेट नही हो रहा है।जिला पदाधिकारी ने जिला भू अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि रैयतों का अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त करने हेतु अंचल कार्यालय के साथ-साथ जिला भू अर्जन कार्यालय में भी आवेदन प्राप्त करना सुनिश्चित करें।जिला पदाधिकारी ने आम लोगों से अपील किया है कि उक्त परियोजना में यदि आप की भूमि को अधिग्रहण किया जा रहा है तो आप सीधे जिला भू अर्जन कार्यालय में भी आवेदन दे सकते हैं।जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक ग्राम वार प्रतिदिन शिविर लगाएं और शिविर में अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त करें। जिला पदाधिकारी ने अंचल अधिकारी डोभी को निर्देश दिया कि एलपीसी तथा अन्य भुगतान से संबंधित कागजात शिविर में अनिवार्य रूप से लाना सुनिश्चित करेंगे।
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