एक वो टाइम था जब बिना बिजली के भी लोग जिंदगी जी रहे थे और अब तो आलम कुछ यूं है कि बिना बिजली के एक पल काटने की भी कल्पना करना मुश्किल है. हर महीने हम जितनी भी बिजली की खपत करते हैं उस हिसाब से सरकार हमें Electricity Bill थमा देती है, लेकिन बिजली बिल से बहुत से लोगों के माथे पर टेंशन की लकीरें खींचने लगती हैं.
मोटे बिजली बिल से बचने के लिए लोग नए-नए रास्ते खोज निकाले हैं, आपने भी कई बार सुना होगा कि लोग बिजली की खपत को कम दिखाने के लिए मीटर पर चुम्बक लगा देते थे, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या अब भी ऐसा हो रहा है?
बहुत से लोगों के मन में आज भी यह सवाल उठता है कि क्या अब भी बिजली मीटर में चुम्बक वाला जुगाड़ काम आता है? पिछले कई सालों से हम सभी बिजली मीटर पर चुम्बक वाले किस्से सुनते आ रहे हैं. इंटरनेट पर इस तरह का दावा किया जाता है कि चुम्बक की मदद से बिजली बिल कम करने में मदद मिलती है, लेकिन क्या वाकई इस बात में कोई सच्चाई है?
बिजली बिल कम हो या फिर न हो लेकिन अगर कोई इस तरह का काम करता हुआ पकड़ा गया तो जेल की हवा खाना तो तय समझिए. ऐसा कहा जाता है कि बिजली मीटर पर यूनिट खर्च की जानकारी देने वाली लाइट पर अगर चुम्बक को लगा दी जाए तो चुम्बक की पावर यूनिट की खपत दिखाने वाले सिस्टम को रोकने में मदद करती है.
न ही पहले और न ही आज, अगर कोई आपसे कहता है कि चुम्बक बिजली बिल को कम करने में कारगर है तो ये दावा पूरी तरह से फेक है. सरकार की तरफ से अब जितने भी मीटर लगाए जाते हैं वह सभी स्मार्ट और डिजिटल हैं और इन स्मार्ट मीटर्स के साथ छेड़छाड़ करना काफी मुश्किल है.
सरकार द्वारा जो बिजली मीटर लगाए जाते हैं उनमें वायरिंग के आसपास इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड को तैयार किया जाता है. वहीं दूसरी तरफ चुम्बक एक परमानेंट मैग्नेटिक फील्ड है. कंफ्यूज हो गए कि परमानेंट मैग्नेटिक फील्ड और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में से आखिर ज्यादा पावरफुल कौन है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड की तुलना परमानेंट मैग्नेटिक फील्ड कम पावरफुल होता है. कम पावरफुल होने की वजह से बिजली मीटर पर चुम्बक का असर नहीं होता है.
सरकार द्वारा लगाए गए बिजली मीटर से अगर कोई भी व्यक्ति छेड़छाड़ करता है तो ऐसा करना खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारना जैसा है. बिजली विभाग ने अगर किसी भी दिन ऐसे किसी बिजली मीटर को पकड़ लिया जिसपर चुम्बक लगाई गई है तो ऐसे व्यक्ति को जेल की हवा खानी पड़ सकती है या फिर मोटा जुर्माना भरना पड़ सकता है.
बता दें कि जेल की हवा खाने के साथ-साथ ऐसे व्यक्ति को मोटा जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. ऐसे व्यक्ति को 6 महीने से लेकर पांच साल तक की जेल हो सकती है.
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