अशोक वर्मा
मोतिहारी : पंचमंदिर ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र द्वारा संस्था की अंतरराष्ट्रीय प्रशासिका एवं भारत सरकार के स्वच्छता अभियान का मुख्य ब्रांड एंबेसडर रही दादी जानकी जी की चौथी पूर्ण स्मृति दिवस बड़े हीं आत्मिक भाव से मनाई गई।
सेवा केंद्र पर 6 घंटे का योग भठ्ठी हुआ उसके बाद दैनिक मुरली वर्ग चली तथा दादी जी के निमित्त भोग लगाया गया ।
दादी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सेवा केंद्र प्रभारी बीके वीभा बहन ने कहा कि 1916 में सिंध प्रांत में दादी जी का जन्म हुआ था तथा 21 वर्ष की उम्र में 1937 में संस्था में समर्पित हुई थी। 14 वर्ष तक योग तपस्या में वे लीन रही। उन्होंने विश्व के 100 देशो में भ्रमण कर भारतीय संस्कृति और यहां के आध्यात्मिक ज्ञान को स्थापित किया। इनके कार्यकाल में विश्व मे कई सेवा केंद्र खुले। 2007 मे संस्था की मुख्य प्रशासिका की जिम्मेवारी इन्हें इन्हें दी गई जिसका निर्वहन उन्होंने 2020 तक किया । 104 वर्ष की उम्र में संपूर्णता को प्राप्त कर वे अव्यक्त हुई । संचालन के दौरान बीके अशोक वर्मा ने कहा कि दादी जानकी जी ने बड़े ही ईमानदारी एवं फ्राक दिल से बाबा को फॉलो कर नई दुनिया निर्माण में अपना योगदान दिया। 1978 में अमेरिका के टेक्सास यूनिवर्सिटी में आयोजित सम्मेलन में विश्व के वैज्ञानिकों ने उनके मस्तिष्क की जांच की और मोस्ट स्टेबल माइंड ऑफ द वर्ल्ड की उपाधि से इन्हें नवाजा गया। दादी जानकी जी का मुख्य नारा था-मैं कौन मेरा कौन? उन्होंने तीन मुख्य स्लोगन दिया – हिम्मते बच्चे मदते बाप दूसरा नियत साफ मुराद हासिल और तीसरा सच्चे दिल पर साहेब राजी। श्री वर्मा ने कहा कि दादी जी के कार्यकाल में संस्था का फैलाव पूरे विश्व में हुआ। इनके नेतृत्व में 1991 में इंग्लैंड में ग्लोबल हाउस बना। उन्होंने आध्यात्म और विज्ञान के बीच समन्वय स्थापित कर पूरे विश्व में शांति स्थापित करने की दिशा में कार्य किया ।विश्व के सर्वधर्म गुरुओं को एक मंच पर लाकर उन्होंने भारत के आध्यात्मिक ज्ञान से परिचय कराया।
संपूर्णता को प्राप्त कर 27 मार्च 2020 को दादी जी शरीर छोड़ अव्यक्त हुई।
संबोधित करने वालों में बीके पूनम, बी के अनीता, बीके श्वेता ,बीके भरत भाई ,बीके रंजन भाई आदि थे।
कार्यक्रम में उपस्थित सैकड़ो भाई बहनों ने दादी जी के चित्र पर पुष्प अर्पण कर उनसे पावरफुल दृष्टि ली। कार्यक्रम में उपस्थित रहने वालों में मुख्य रूप से बीके भरत ,बीके रंजन, बीके रामनंदन, बीके प्रतिमा जायसवाल, बीके सारिका, बीके मनोज ,बीके बंशीधर, बीके मंजू, बीके इंजीनियर हरिशंकर भाई, बीके सरोज, बीके पूजा, बीके सुरेंद्र आदि मुख्य रूप से थे।
