अशोक वर्मा
मोतिहारी : श्रम अधीक्षक, पूर्वी चंपारण, मोतिहारी के निर्देश के आलोक में एवं श्रीमती सीमा सिंह श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, चिरैया के नेतृत्व में चिरैया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विशेष धावा दल के द्वारा विभिन्न प्रतिष्ठानों में सघन जाँच अभियान चलाया गया।
जाँच के क्रम में चिरैया प्रखंड के कुल -04 प्रतिष्ठानों क्रमश: अशोक स्वीट कॉर्नर, राजधानी मोटर, आनंद स्वीट्स एवं दारोगा खसी मीट दुकान से 1-1 बाल श्रमिक अर्थात कुल-04 बाल श्रमिकों को धावा दल की टीम के द्वारा विमुक्त कराया गया। साथ ही श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि यह अभियान पूर्वी चंपारण जिला अंतर्गत लगातार क्रियाशील रहेगा!
बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत सभी नियोजकों के विरूद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है जबकि सभी विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति, पूर्वी चंपारण, मोतिहारी के समक्ष उपस्थापित कर उन्हें बाल गृह में रखा गया है।
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, चिरैया सीमा सिंह द्वारा बताया कि बच्चों से प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन के अंतर्गत गैर कानूनी है। बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अतर्गत बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार रूपये से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक का कारावास का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निदेश के आलोक में सभी नियोजकों से 20,000/- (बीस हजार रू.) प्रति बाल श्रमिक की दर से राशि की वसूली की जाएगी।
आज की इस विशेष धावा दल की टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, तुरकौलिया प्रभारी चिरैया सीमा सिंह, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, घोड़ासहन रोहित कुमार सिंह, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, फेनहारा विकास कुमार मिश्रा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, केसरिया सुरेंद्र कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, संग्रामपुर कीर्तिवर्धन सिंह, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, मेहसी रविरंजन कुमार , प्रयास संस्था से विजय कुमार शर्मा, आशीष परियोजना डंकन हॉस्पिटल, रक्सौल के प्रतिनिधि, निर्देश संस्था से रजनीश कुमार, बचपन बचाओ आंदोलन, पूर्वी चंपारण से मंगल कुमार सिंह तथा चिरैया थाना के 08 पुलिस कर्मी एवं एंटी ह्यूमन टै्रफिकिंग यूनिट की टीम शामिल थी।
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