नन्हे कलाकारों ने भारतीय संस्कृति में महिला सशक्तिकरण को मंच पर किया जीवंत

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  • वात्सल्य किड्स का मनाया गया वार्षिकोत्सव
  • बच्चों के साथ शिक्षकों के नृत्यों ने दर्शकों का मन मोहा
पटना। राम बने नन्हें बच्चे। महिला सशक्तिकरण की झांकी और भारतीय विरासत को मंच पर उतारते वात्सल्य किड्स के बच्चे बड़े ही लुभावन लग रहे थे। वार्षिकोत्सव पर संपन्न हुए इस सांस्कृतिक समारोह में बच्चों ने भारत के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हुए विवि​ध पारंपरिक वस्त्रों से पूरे दर्शक समूह को एक मोहपाश में बांध लिया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आयी भारतीय प्रशासनिक सेवा की संगीता सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम एक वार्षिकोत्सव न होकर बच्चों को अपने देश की विविधता और संस्कृति की पहचान से जोड़ने का उत्सव है। इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों में आत्मबल के साथ संयम और महिलाओं के प्रति सम्मान का नजरिया आएगा, जो किसी भी शिक्षा का मूल है।
स्कूल की शिक्षिकाओं ने दुर्गा तांडव के माध्यम से महिला सशक्तिकरण का परिचय कराया। निदेशक राकेश कुमार प्राचार्या रश्मि सिंह ने कहा कि यह उत्सव न केवल प्रतिभा का परिचय देता है, बल्कि छात्रों के बीच सम्मान और सशक्तिकरण की मूल्यों को भी स्थापित करता है।कार्यक्रम में मुख्य ​अतिथि के रूप में नेत्री मधु मंजरी, आईएएस संगीता सिंह, ज्वाइंट सेकेट्री अनिल सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
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