टीबी मुक्त पंचायत बनाने में अल्ट्रा पोर्टेबल मशीन की है महत्वपूर्ण भूमिका

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  • मेडिकल कैंप में यक्षमा रोगियों की आसानी से हो रहीं है पहचान
  • एक्सरे के बाद दो मिनट में कन्फर्म  टी बी हैं या नही
मोतिहारी। जिले को टीबी मुक्त बनाए जाने की दिशा में अनुमंडलीय अस्पताल के बाद अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरसिद्धि में स्वास्थ्य विभाग व वर्ल्ड विज़न इंडिया के सहयोग हेल्थ कैम्प का आयोजन कर अल्ट्रा पोर्टेबल डिजीटल एक्सरे मशीन से टीबी की एक्टिव केस फाइंडिंग की जा रहीं है। जिससे टीबी मरीजों की पहचान आसानी से एवं बेहद कम समय में की जा रहीं है। हरसिद्धि के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार ने कहा की टीबी मुक्त पंचायत बनाने में अल्ट्रा पोर्टेबल मशीन  महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। डॉक्टर सुनील कुमार, वर्ल्ड विज़न के जिला पर्यवेक्षक रंजन कुमार वर्मा ने बताया हेल्थ कैम्प में लगभग 85 रोगियों का एक्सरे किया गया जिसमें 13 टीबी के रोगी पाये गये जिनका बलगम संग्रह कर सीबी नेट टेस्टिंग के लिये भेजा गया। इस एआई मशीन का बहुत बड़ा खासियत हैं एक्सरे लेने के बाद दो मिनट के अंदर कन्फर्म कर देता है कि टीबी है या नही। इस मशीन से रोगियों को बहुत लाभ मिल रहा है। वही एनटीईपी के वरीय यक्षमा पर्यवेक्षक प्रमोद कुमार ने बताया कि हेल्थ कैम्प से जनमानस को बहुत लाभ मिल रहा हैं भारत सरकार का जो लक्ष्य हैं टीबी फ्री पंचायत बनाने का इस अल्ट्रा पोर्टेबल मशीन से हमलोग उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
टीबी से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है:
जिले के यक्षमा पदाधिकारी डॉ संजीव ने बताया की वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का सपना साकार होगा। इसमें हर व्यक्ति को सहयोगी बनना होगा।उन्होंने बताया की टीबी से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। सामुदायिक भागीदारी से ही वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का सपना साकार होगा। इसमें हर व्यक्ति को सहयोगी बनना होगा। टीबी से बचाव के लिए सभी के लिए सावधानी जरूरी है। उन्होंने बताया कि टीबी के लक्षण होने पर बलगम की जांच कराएं। एक्स-रे कराएं। चिकित्सक द्वारा पुष्टि करने पर सावधानी बरतें। घरों में साफ-सफाई रखें। बीमार व्यक्ति मुंह पर रुमाल लगाकर चले। जिले के टीबी अस्पताल अथवा जिला अस्पताल, सभी पीएचसी एवं डॉट्स सेंटर पर टीबी मरीजों का इलाज होता है। वहां से नि:शुल्क दवाएं ले सकते हैं। बीच में दवा न छोड़ें। इलाज के दौरान खूब पौष्टिक खाना खाएं। एक्सरसाइज करें, योग करें।
इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार, वर्ल्ड विज़न इंडिया के जिला पर्यवेक्षक रंजन कुमार वर्मा, स्वास्थ्य प्रबंधक शशिकांत श्रीवास्तव, यक्ष्मा पर्यवेक्षक प्रमोद कुमार, अशोक कुमार, कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर उत्कर्ष राज, मिथलेश कुमार, एक्सरे ऑपरेटर मुकुल कुमार, महमद सैफ अली, लैब टेक्नीशियन, महमद सहीद, रविकांत शर्मा, जीएनएम दीक्षा भारती उपस्थित रही।
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