पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों ने झंडा दिखाकर फाइलेरिया रथ को किया रवाना

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  •  फाइलेरिया रोधी दवा खाकर फाइलेरिया मुक्त जिला का दिया नारा
  • न्यायमूर्ति के हाथों फाइलेरिया मरीजों को मिला दिव्यांगता सर्टिफिकेट 
सीतामढ़ी। विधिक सेवा प्राधिकार को बढ़ावा देने के लिए लगे मेगा लीगल सर्विस कैंप में फाइलेरिया के स्टॉल ने पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों को का खूब ध्यान खींचा। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि मुख्य अतिथि के रुप में आए जस्टिस विपुल एम पंचोली और जस्टिस पुरनेंदु सिंह तथा हरिश कुमार ने संयुक्त रुप से स्टॉल का फीता काटकर सर्वजन दवा अभियान के लिए कुल 22 जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जागरुकता रथ में फाइलेरिया के संदेशात्मक पेास्टर लगे हुए हैं। वहीं वाहन में आडियो सिस्टम के जरिए जिंगल द्वारा भी लोगों को जागरुक किया जाएगा। स्टॉल पर तीन फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट के साथ दिव्यांगता ​सर्टिफिकेट का वितरण भी माननीय न्यायमूर्तियों के द्वारा किया गया। स्टॉल में पुनौरा के पेशेंट प्लेटफार्म के आठ लोगों को एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। मौके पर जस्टिस विपुल ने लोगों से 10 फरवरी से शुरु होने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान लोगों से दवा खाने की अपील करते हुए फाइलेरिया मुक्त सीतामढ़ी के लिए बैलून भी आकाश में छोड़े।
सीतामढ़ी मॉडल को बताया:
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी ने सीतामढ़ी के कालाजार तथा फाइलेरिया के माइक्रोप्लान के मॉडल को भी न्यायमूर्तियों को बताया। डॉ रविन्द्र ने बताया कि हर एचडब्ल्यूसी पर फाइलेरिया क्लीनिक के संचालन व एमएमडीपी किट के इस्तेमाल पर न्यायमूर्तियों ने काफी सराहा और इसे यथावत रखने का अनुरोध भी किया। न्यायमूर्तियों को बिहार में फाइलेरिया के कारकों के साथ उसके लाइफसाइकिल तथा सर्वजन दवा सेवन के दौरान दवाईयों के इस्तेमाल के बारे में भी बताया गया। न्ययायमूर्तियों को बताया गया कि पहले तीन दिन स्कूल तथा हर सरकारी अस्पताल में बूथ का निर्माण किया जाएगा। उसके बाद 14 दिन घर घर जाकर लोगों को अपने सामने ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर दवाईयां खिलाएगीं । मौके पर जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव, डीपीएम, सीएस सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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