फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिलास्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण

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  • हाथीपाँव से बचाव को लोगों को जागरूक कर खिलाएं सर्वजन दवा : डॉ शर्मा
  • मच्छर काटने के बाद फाइलेरिया के लक्षण आने में कई वर्ष लग जाते हैं 
  • दवा के दुष्प्रभाव से बचाव के लिए मुस्तैद रहेगी रैपिड रेस्पोंस टीम
फाइलेरिया मुक्त अभियान के सफल संचालन के लिए सोमवार को आईएमए भवन, मोतिहारी में जिलास्तरीय प्रशिक्षकों में बीसीएम/बीएचएम/प्रत्येक पीएचसी के एमओ का प्रशिक्षण (टी.ओ.टी.) हुआ। इस दौरान उनलोगों को माइक्रोप्लान बनाने के निर्देश दिए गए। प्रशिक्षक भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार एवं पिरामल स्वास्थ्य के डीएल मुकेश कुमार ने बताया कि जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सवर्जन दवा सेवन अभियान 10 फरवरी से 24 फरवरी तक 17 दिनों के लिए चलाया जायेगा। इसमें आशा कार्यकर्त्ता व स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करते हुए अपने सामने दवा खिलाएगी। प्रतिदिन कितनी दवा खिलाई गई, इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन विभाग को दी जाएगी। सभी कार्यकलाप रजिस्टर में लिखित दर्ज की जाएगी। इसके बाद अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जाएगी। लोगों को अगर सर्वजन दवा से दुष्प्रभाव होता है तो उससे बचाव के लिए रैपिड रेस्पोंस टीम लगाई जाएगी।
इस प्रकार खिलाई जाएगी दवा:
प्रशिणार्थियों को डीएल मुकेश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव को 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 1 गोली और एल्बेंडाजोल की 1 गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 2 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को डीईसी की 3 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने सामने खिलाई जाएगी। खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है। एल्बेंडाजोल की गोली को पानी के साथ चबाकर खानी है। मुकेश कुमार ने बताया कि इस बात का ध्यान रखें कि 2 वर्ष से छोटे बच्चे, गम्भीर मरीज तथा गर्भवती महिलाओं को एमडीए की दवा नहीं खिलाई जाएगी।
फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होता है:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया को हाथीपाँव रोग के नाम से भी जाना जाता है। इससे ग्रसित हो जाने पर मानव शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है, जो संक्रमित क्यूलेस नामक मच्छर के काटने से फैलता है। सामान्यतः बचपन में होने वाला यह रोग लासिका प्रणाली को क्षति पहुँचाता है। इससे होने वाली विकलांगता, पैरों में स्थायी सूजन हो जाना, अंडकोष की थैली में सूजन आदि से मानव की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इस रोग से बचने के लिए सरकार द्वारा खिलाई जा रही निःशुल्क दवा का सेवन अनिवार्य है।
सभी प्रखंडों में चलेगा सर्वजन दवा सेवन अभियान:
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शर्मा ने बताया कि जिले में नाईट ब्लड सर्वे के दौरान रात में 13 हजार 822 लोगों ब्लड सैम्पल लिए गए, जिसमें से 12 हजार 372 सैंपल की जाँच पूर्ण की गई। इसमें कुल 308 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पीएचसी में आशा कार्यकर्ताओं व स्वास्थ्य कर्मियों का अभियान के पूर्व प्रशिक्षण होना है। इस मौके पर भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, सत्यनारायण उरांव, डीएल मुकेश कुमार, पीसीआई के मनोज कुमार, सिफार के डीसी सिद्धांत कुमार सहित बीसीएम एवं बीएचएम मौजूद थे।
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