कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने पर डीभीबीडीसीओ हुए सम्मानित

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  • कालाजार उन्मूलन की ओर अग्रसर है जिला पूर्वी चम्पारण 
  • वर्ष 2024 में भीएल के 19 केस एवं पीकेडीएल के 05 मरीज मिलें 
मोतिहारी : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने पर डीभीबीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा को सम्मानित किया। डॉ शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिले में कालाजार उन्मूलन करने हेतु सफल प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 24 दिसम्बर 2024 को पटना में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अन्तर्गत जिले को सम्मान प्राप्त हुआ है यह गर्व की बात है। डॉ शर्मा ने बताया कि इसमें स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं हो पाता। डीभीडीसीओ डॉ शर्मा ने कहा कि 31 दिसम्बर 2019 को उन्होंने ज़ब जिले में डीभीडीसीओ की कमान संभाली थी तब वे रक्सौल पीएचसी के प्रभारी भी थें, उस वक्त जिले में भीएल के 107 केस थे, लोगों में जागरूकता की कमी थी। उन्होंने हॉउस टू हॉउस कालाजार मरीज खोज अभियान चलवाया, जगह जगह स्प्रे करवाया, पीएचसी पर जाँच व दवा की उपलब्धता करवाई, बैनर पोस्टर के साथ प्रचार वाहन निकलवाये, अख़बार व सोशल मीडिया का सहारा लिया जिससे जिले में कालाजार की स्थिति में काफ़ी सुधार हुआ। वहीं कालाजार मरीजों को समय पर क्षतिपूर्ति योजना का लाभ सीधे लाभार्थी को दिलवाया। उन्होंने बताया कि जिले में 2015 में 353, 2016 में 277, 2017 में 191, 2018 में 177, 2019 में107, 2020 में 69, 2021 में 51, 2022 में 50, 2023 में 19 केस मिले। डीभीबीडीसीओ डॉक्टर शरद चंद्र शर्मा ने बताया कि कालाजार बालू मक्खियों के काटने से होता है, पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य विभाग के अथक प्रयास व जागरूकता के कारण यह संभव हो पाया है कि जिले में कालाजार के मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार एवं कंसलटेंट अभिषेक कुमार ने बताया कि कामिश वेब पोर्टल पर कालाजार के मरीजों का डाटा सुरक्षित रखते हुए मरीजों की निगरानी तथा उनके आंकड़ों का प्रबंधन की जाती है। वहीं भीबीडीएस व अन्य अधिकारियों के द्वारा  कालाजार के मरीजों की फॉलोअप जांच 1 माह 6 माह एवं 12 माह पर  की जाती है। रिपोर्ट को पुनः कामिश वेब पोर्टल पर पर अपलोड किया जाता है। जिसकी निगरानी जिला स्तर के पदाधिकारियों द्वारा की जाती है। पूर्वी चंपारण के 27 प्रखंडों में कालाजार के मरीजों की जांच व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
राज्य सरकार व भारत सरकार द्वारा कालाजार के मरीजों को दी जाती है आर्थिक सहायता:
राज्य सरकार द्वारा कालाजार के मरीजों की आर्थिक सहायता हेतु 66 सौ रुपए दी जाती वहीं भारत सरकार द्वारा ₹500 अलग से दी जाती है। उन्हें कुल 7100 रुपयों की  आर्थिक सहायता दी जाती है।
कालाजार के रोगियों के प्रमुख लक्षण: 
भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कालाजार में व्यक्ति को 2 हफ़्तों से ज्यादा बुखार, तिल्ली का बढ़ जाना, भूख नहीं लगना, वजन में कमी, चमड़े पर दाग होना तथा इस बीमारी में खून की कमी बड़ी तेजी से होने लगती है।
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