रांची : मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत शनिवार को उपायुक्त, रामगढ़ श्री चंदन कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक के दौरान जिला पशुपालन पदाधिकारी श्री कमलेश कुमार पिंगले द्वारा उपायुक्त सहित समिति के अन्य सदस्यों को जानकारी दी गई कि वर्तमान में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत प्रखंड स्तरीय समिति द्वारा बकरा विकास योजना के तहत 1068, सुकर विकास योजना के तहत 206, 400 बैकयार्ड लेयर कुक्कुट (लो इनपुट लेयर को कुक्कुट पालन) के तहत 111, 500 ब्रायलर कुक्कुट विकास योजना के तहत 200 एवं 15 बत्तख चूजा वितरण योजना के तहत 1749 आवेदन प्राप्त हुए हैं वहीं गव्य विकास के क्षेत्र में दो गाय/ भैंस की योजना के तहत 176, पांच गाय/भैंस की योजना के तहत 42, 10 गाय भैंस की योजना के तहत 19, हस्त चलित चैफ कटर के तहत 7, विद्युत चलित चैफ कटर के तहत 9, मिल्किंग मशीन(4 बकेट) के तहत 8, पनीर एवं खोवा मेकिंग यूनिट के तहत 9, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट के तहत 86, डीप बोरिंग के तहत 28 एवं काऊ मैट के तहत 15 लाभुकों की सूची जिला स्तरीय समिति से अनुमोदन हेतु भेजी गई है वहीं मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत कल्याण विभाग द्वारा किए जाने वाले कार्यों की जानकारी देने के क्रम में जिला कल्याण पदाधिकारी श्री रामेश्वर चौधरी के द्वारा जानकारी दी गई की सुकर पालन के तहत 43, बकरी पालन के तहत 86, मुर्गी चूजा (बैकयार्ड लेयर कुक्कुट) के तहत 17, मुर्गी पालन(ब्रायलर कुक्कुट) के तहत 43 एवं बत्तख पालन के तहत 197 आवेदन प्रखंड स्तरीय समिति के द्वारा जिला स्तरीय समिति को अनुमोदन हेतु भेजा गया है।
बैठक के दौरान उपायुक्त श्री चंदन कुमार ने जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुधा देवी, उप विकास आयुक्त श्री रोबिन टोप्पो सहित समिति के अन्य सदस्यों के साथ प्राप्त आवेदनों की समीक्षा कर लाभुकों को लाभ देने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए वहीं उपायुक्त ने जिला स्तरीय समिति से आवेदनों के अनुमोदन के उपरांत जल्द से जल्द लाभुकों का एस्क्रौ खाता खोलने का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। मौके पर उपायुक्त ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को “आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत 24 नवंबर से 29 दिसंबर तक विभिन्न पंचायतों में आयोजित किए जाने वाले शिविर के दौरान पूर्व में मिले लक्ष्य के आधार पर रिक्तियों के विरुद्ध लाभुकों को पशुधन विकास योजना का लाभ देने एवं शिविर के दौरान ही उन्हें पशु उपलब्ध करते हुए लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
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