पश्चिमी चम्पारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास टंकी बाजार स्थित मनोज कुमार के आटा चक्की में कॉपर हेडेड ट्रिंकेट सांप घुस गया। यह दुर्लभ प्रजाति का सांप है। यह सांप बदलते हुए जलवायु के कारण रिहाइशी क्षेत्र में दिखाई दे रहे हैं। सांप निकालने की सूचना जैसे ही वन विभाग को मिली। वन विभाग की टीम ने सांप का रेस्क्यू किया।
रेस्क्यू टीम में शामिल मणि भूषण और अमरेश चौधरी ने कहा कि इस सांप को वन सुंदरी भी कहते हैं। क्योंकि देखने में काफी सुंदर दिखता है। इससे पहले दो बार इस सांप को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के आसपास देखा गया है। जिसे रेस्क्यू कर टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया है।
सांप के पास आने पर या जब इसे खतरा महसूस होता है तो यह अपने अगले हिस्से को फूला लेता है और मुंह को धरातल से ऊपर उठाकर फूंकार मारता है। इस तरह सांप अपना गुस्सा दिखाता है। यह सांप कभी भी अपना रंग बदल लेता है।
इस सांप में रंग बदलने की कला होती है। यही कला अन्य सांपों से इसे अलग बनाती है। इस सांप का नाम कॉपर हेडेड ट्रिंकेट है। दरअसल, इस सांप का सिर कॉपर के समान चमकता रहता है। यह दुर्लभ प्रजाति का सांप है। इस प्रजाति की खासियत शरीर पर काले रंग की पट्टी होती है, शरीर का रंग लाल-भूरा होता है। सांप का मुंह काफी हद तक कॉपर कलर का होता है। यह आमतौर पर कृन्तकों, पक्षियों, छोटे स्तनधारी, पक्षी, छिपकली और मेंढक को अपना शिकार बनाता है। कई अन्य देशों में इस सांप को दवाई के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
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