मां- बाप की सेवा से ही खुलता है मनुष्य का भाग्य : पं दीपक

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गया। गोसाई बाग स्थित झुनझुनवाला परिवार की ओर से चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन शनिवार को श्री सालासर बालाजी मंदिर के पुजारी कथावाचक आचार्य पं दीपक पांडेय ने बताया कि विश्व में सभी कथाओं में से श्रीमद् भागवत कथा श्रेष्ठ मानी गई है। इसको सुनने एवं आयोजन करने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियों को ही मिलता है। ऐसे में अगर कोई दूसरा अन्य भी से गलती से भी श्रवण कर लेता है तो वह कई पापों से मुक्ति पा लेता है।इसलिए भागवत कथा 7 दिनों तक ही चलती है। उन्होंने राजा परीक्षित के प्रसंग की चर्चा करते हुए बताया कि किसी के द्वारा दिया गया श्राप कभी लौट कर नहीं आता है। राजा परीक्षित को भी तक्षक नामक सांप काटने का श्राप दिया गया था। जहां राम की कथा होती है वहां भगवान भोलेनाथ स्वयं आ जाते हैं। उन्होंने प्रसंग में बताया कि मां से बड़ा इस पृथ्वी पर कोई सगा नहीं है। जब बच्चे भूखे रहते हैं तो मां-बाप ही उनकी देख रेख करते हैं। अपने मां-बाप के सेवा से ही मनुष्य का भाग्य खुलता है। अगर कोई सात दिनों में किसी व्यस्तता के कारण कथा नहीं सुन सकता है तो वह दो-तीन या चार दिन ही इसे कथा को श्रवण कर ले तो उसका फल प्राप्त होगा। क्योंकि यह कथा भगवान श्री कृष्ण के मुख की वाणी है। भागवत कथा में स्वयं राधा जी है। इसके सुनने के प्रभाव से मनुष्य बुराई को त्याग कर धर्म के रास्ते पर चलने के साथ-साथ मोक्ष को प्राप्त करता है। इस अवसर पर राजेश झुनझुनवाला ने अपने धर्म पत्नी के साथ भागवत कथा की आरती कर श्रवण किया।
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