- मजदूर – किसान विरोधी ,अंबानी -अडानी की भक्त मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प
अशोक वर्मा
मोतिहारी : संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों एवम सेवा संघों द्वारा आहूत देशव्यापी हड़ताल और ग्रामीण भारत बंद का असर पूर्वी चंपारण में दिखा ।संगठन ने जोरदार प्रदर्शन कर बंद को सफल करने में अहम भूमिका का निर्वाह किया।बंद का असर पूरे जिले में रहा ।किसानों,मजदूरों और स्कीम वर्कर्स सरकारी कर्मचारी पूरी तरह से हड़ताल में रहे हैं।हड़ताल समर्थन में मोतिहारी टाउन हॉल से एक विशाल जुलूस निकला जो सदर हॉस्पिटल,राजा बाजार होते हुए कचहरी चौक तक गया जहां जुलूस सभा में तब्दील हो गया।
सभा की अध्यक्षता शंभुलाल यादव,ध्रुव त्रिवेदी और रामचंद्र कुशवाहा के तीन सदस्यीय अध्यक्षमण्डल ने की।
सभा को ऐक्टू के जिला सचिव विष्णुदेव प्रसाद यादव,सीटू के जिला सचिव सत्येंद्र मिश्र, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के जिला सचिव राजेश कुमार,विशेश्वर कुशवाहा,बिहार राज्य रसोइया संघ के जिला सचिव दिनेश कुशवाहा, कुमांती देवी,छबीलाल महतो,ऐक्टू के राज्य सचिव चंद्रशेखर सिंह, किसान नेता राजमंगल कुशवाहा,पंचानंद सिंह,कर्मचारी महा संघ गोप गुट के अनुराग कुमार,धर्मवीर चौधरी,रामबचन तिवारी,विजयशणकर सिंह,धनंजय कुमार,विकास कुमार ,भाकपा माले के जिला सचिव प्रभुदेव यादव, भैरावदयाल सिंह,रूपलाल शर्मा,जीतलाल सहनी,शिक्षक नेता सीताराम यादव,अधिवक्ता राघव साह,रंजन कुमार,कुंदन सिंह,किसान नेता हरेंद्र सिंह आदि ने संबोधित किया।
नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि मोदी सरकार का 10वर्षों का शासनकाल मजदूर किसानों और अन्य मेहनतकश समुदाय के लिए विनाशकारी रहा है।इसने किसानों के साथ विश्वासघात किया है इसलिए एकबार फिर किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं और आज पूरे देश में किसान मजदूर एक साथ हड़ताल में सड़कों पर उतरे हुए हैं।किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए हरियाणा एवम केंद्र की भाजपा सरकार पुलिस को सामने करके बर्बर दमन कर रही है।पहली बार ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं।यह लोकतांत्रिक संवैधानिक अधिकारों की हत्या है।ऐसा जुल्म तो अंग्रेजों ने भी नही किया था।
लेकिन दमन से किसानों की आवाज नही दबाई जा सकती है।मजदूर और किसान एकजुट हो गए हैं और इसका करारा जवाब आगामी लोकसभा चुनाव में देंगे।किसान मजदूर,जनविरोधी ,कॉरपोरेट अंबानी अडानी भक्त मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।
आगे नेताओं ने कहा कि आज के देशव्यापी हड़ताल के माध्यम से 23सूत्री मांगो को हमने सरकार के सामने रखा है जिसमे किसानों के उपज का एमएसपी पर खरीद की गारंटी,किसान मजदूरों का संपूर्ण कर्जा माफी,लखीमपुर खीरी जनसंहार के दोषी भाजपा नेता केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल के बर्खास्त करने और हत्या का मुकदमा चलाने,4लेबर कोड वापस लेने और पुराने 44श्रम अधिकार कानूनों की बहाली,8घंटे के कार्य दिवस को बरकरार रखने,सभी स्कीम वर्करों(मिड डे मील रसोइया,आशा,आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका,भारत स्वच्छता मिशन कर्मियों)को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने,न्यूनतम वेतनमान 26000रुपए लागू करने,नई पेंशन योजना वापस लेने और पुरानी पेंशन योजना बहाल करने,बिजली बिल 2022 और हिट एंड रन कानून 2023 वापस लेने,मजदूर किसानों को बुढ़ापा में 10000 रुपए पेंशन देने,मनरेगा में 200दिन काम और 600रुपए दहाड़ी लागू करने की मांग प्रमुख है ।यदि इसे लागू नहीं किया जाता है तो आंदोलन और तेज होगा।
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