मोतिहारी : रक्सौल खाद्य आपूर्ति विभाग का लोचा पढ़ कर आप भी हैरान और परेशान हो जाइएगा, रक्सौल प्रखंड में कुल 13 पंचायत हैं। और एक नगर परीषद मिलाकर कुल जन वितरण प्रणाली विक्रेता 113 हैं लेकिन क्या आपको मालूम हैं ?
क्या लोचा जिसे आप पढ़ हैरान और परेशान हो जाईएगा, तो आईए बताते हैं।”सबसे पहले गरीबों के हक पर अमीरों का कब्जा”यह बात हम नहीं कह रहे हैं। गरीबों का कहना हैं एक गरीब नाम नहीं छापने के शर्तें पर बताया पत्रकार साहब अगर ईमानदारी पूर्वक जांच हो जाए तो यही हाल हैं।वहीं जब और जानने की ललक हुई तो गरीब ने बताया जो पढ़ कर आपके आखों ऑंशु आ जाएगा हम गरीब मेहनत मजदूरी कर के आपने बच्चों का भरण पोषण करते हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर मोटर साइकिल से और चार चक्का वाहन पर राशन लेकर चले जाते है और हम गरीब कुछ नहीं कर पाते हैं। अभी और बाते हैं सर आपको सुनते सुनते देर हो जाएगी लेकिन हम भी कहा मानने वालों थे सवाल गरीबों के हक का था।हम और जानना चाहे तो गरीब ने बतया सर इन लोगों के मोटरसाइकिल, पक्के मकान, सरकारी नौकरी,लंबी चौडी पुस्तैनी जमाबंदी, खुद का दस्तावेज, चार चक्का वाहन,और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का नगर परिषद मे जमीन और पक्की मकान तब लबी चौडी व्यापार उसके बाद भी वही राशनकार्ड का हकदार। हम गरीब हैं साहब, ना कुछ बोल सकते हैं, बस टुकुर टुकुर सब देखते रहते हैं। कहु भी तो किससे कहु कोई सुनने वाला नहीं क्योंकि सिस्टम सो रहा हैं शोर हो जाएगा।
क्या कहना चाहते हैं गरीब और गरीबी में पल रहे परिवार सो रही सीस्टम से
जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे।
अपने हाकिम की फकीरी पे तरस आता है जो गरीबों से पसीने की कमाई मांगे
बस इस ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता हू….बकी आप तो खुद पत्रकार हैं