मशरक (सारण) मशरक प्रखंड क्षेत्र के बंगरा पंचायत के चैनपुर गांव में सामुदायिक भवन के परिसर में फाइलेरिया नाइट ब्लड सर्वे अभियान की शुरुआत मुखिया ललिता देवी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मशरक के प्रभारी डॉ संजय कुमार ने फीता काट कर किया। इस दौरान 300 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया। स्वास्थ्य प्रबंधक अमित कुमार, बीसीएम लव कुश कुमार,बीएमसी कुमुद रंजन,नेसाब आलम समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहें। प्रभारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि रात्रि के समय में ही फाइलेरिया के जीवाणु सक्रिय हो जातें हैं इसी के कारण रात्री में जांच के लिए ब्लड सैंपल लिए गए। कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए प्रभारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि फाइलेरिया को हाथी पांव रोग भी कहा जाता है। ये रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने की वजह से होता है। इस मच्छर के काटने से वुचेरेरिया बैनक्राफ्टी नाम के परजीवी शरीर में जाने से ये रोग होता है। वयस्क मच्छर छोटे-छोटे लार्वा को जन्म देता है। जिन्हें माइक्रो फाइलेरिया कहा जाता है। ये मनुष्य के रक्त में रात के समय एक्टिव होता है। इस कारण स्वास्थ्य टीम रात में ही पीड़ित का ब्लड सैंपल लेते हैं। नाइट सर्वे में लिए गए रक्त के नमूने की जांच में ये पता किया जाता है कि मरीज के रक्त में परजीवी की संख्या कितनी है। जांच रिपोर्ट 48 घंटे में मिल जाएगी। इसके बाद मरीज का उपचार शुरू होगाइसके बाद मरीज का उपचार शुरू होगा। मरीज को 12 दिन की दवा चलती है, जो इस बीमारी के परजीवी को मार देती है। रोगियों को फाइलेरिया से बचाव के लिए रात को सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करने को कहा गया। इस प्रकार के रोगियों को दवा खाली पेट नहीं लेना चाहिए।
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