नुक्कड़ नाटक के जरिए नवजात देखभाल का सिखाया तरीका

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  • सदर अस्पताल में राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह नुक्कड़ नाटक का हुआ आयोजन
  • अस्पताल की एएनएम ने किया जागरूक
शिवहर। नुक्कड़ नाटक के जरिए मनोरंजन तो हम सब ने देखा और सुना है। सदर अस्पताल में पहली बार नुक्कड़ नाटक के जरिए नवजात की देखभाल और शिशु मृत्यु दर के बारे में बतायी गयी। इसमें एक और नया अध्याय सदर अस्पताल में काम करने वाली एएनएम की जोड़ी। जिन्होंने अपने अभिनय और संवाद से हर दर्शक के मन में अपनी बात सफलतापूर्वक पहुंचायी। सोमवार को सदर अस्पताल परिसर में हुए नुक्कड़ “नवजात बचाओ देश बढ़ाओ, देश के उज्जवल भविष्य का निर्माण कराओ” का आयोजन पीरामल फाउंडेशन की तरफ से किया गया।
नुक्कड़ के माध्यम से दर्शकों को बताया गया कि  मां बच्चे के देखभाल की बेहतर सुविधा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध निःशुल्क उपलब्ध है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने पर इलाज, दवा, रहना, खाना और फ्री एम्बुलेंस की सुविधा के साथ प्रसव कराने पर 1400 रुपए देने का प्रावधान है। अस्पताल के प्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि एएनएम के प्राचार्य अनुराधा कुमारी एवं पीरामल फाउंडेशन के तत्वाधान में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया और अस्पताल में आए हुए मरीजों को शिशु मृत्यु दर के बारे में जागरूक किया गया।
एएनएम प्राचार्य अनुराधा कुमारी ने बताया है कि मौजूदा समय में बिहार में शिशु मृत्यु दर 19 प्रति 1 हजार जीवित जन्म पर है। बिहार में शिशु मृत्यु दर अभी मानक से पीछे हैं। वहीं यहां गरीबी, अशिक्षा और लैंगिक असमानता के कारण बच्चों के पालन पोषण में कुछ कमियां रह जाती हैं। 6 माह तक शिशु को बेहतर देखभाल के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह मनाया जाता है।
पिरामल के जिला समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि बिहार में प्रतिवर्ष लगभग 31 लाख शिशु का जन्म होता है। इसमें से 84000 शिशु अपना पहला जन्मदिन मनाने से पहले ही मर जाते हैं, वहीं इनमें से  78% शिशु एक महीने भी नहीं जी पाते।
नुक्कड़ में एएनएम निशा, सपना, खुशी, सोनी, श्वेता, नाजिया, निभा, श्वेता रानी, रंजना ने अहम रोल अदा किए।
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