बिहार की धरती ने हमेशा विचार और आंदोलन की जननी रही है। यह वही ज़मीन है जहाँ गांधी की पहली लड़ाई चमकी, जहाँ जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर सम्पूर्ण क्रांति का बिगुल फूंका गया। आज उसी बिहार में एक नया विचार जन्म ले रहा है—विचार निर्माण का, जन-जागरण का, और आत्मनिर्भरता का। इस आंदोलन का नाम है – लेट्स इंस्पायर बिहार। इसके केंद्र में हैं – बिहार कैडर के ईमानदार, कर्मठ और संवेदनशील आईपीएस अधिकारी विकास वैभव।आज जब ज़्यादातर परिवर्तन की बातें राजनीति के गलियारों में होती हैं, तब विकास वैभव बिना किसी राजनीतिक एजेंडे, बिना जाति और धर्म की दीवार खड़ी किए, केवल और केवल ‘बिहार’ को केंद्र में रखकर एक सामाजिक-सांस्कृतिक नवजागरण की राह पर हैं। उनका सपना है—विकसित बिहार 2048। इस दिशा में उन्होंने पिछले चार वर्षों में जो प्रयास किए हैं, वे प्रशंसनीय ही नहीं, प्रेरणादायी भी हैं।बेगूसराय, आरा, छपरा, सासाराम, हाजीपुर—बिहार के कोने-कोने में “नमस्ते बिहार” जैसे आयोजन हुए, जिनमें हजारों की संख्या में युवा, महिलाएं, छात्र और शिक्षाविद जुटे। लेकिन जो दृश्य 22 मार्च 2025 को पटना के बापू सभागार में दिखा, वह ऐतिहासिक था। एक साथ 15,000 लोगों का जुटना केवल एक सालगिरह नहीं था, यह एक भरोसे का प्रदर्शन था—भरोसा उस व्यक्ति पर जो सिस्टम का हिस्सा होकर भी सिस्टम से परे सोचता है।लेट्स इंस्पायर बिहार कोई पारंपरिक संगठन नहीं है। यहाँ ना सदस्यता कार्ड की होड़ है, ना पद की राजनीति। यहाँ कोई मंत्री बनने नहीं आता, बल्कि एक बेहतर नागरिक बनने का प्रयास करता है। यही कारण है कि इस आंदोलन को हर तबके, हर वर्ग और हर उम्र के लोग आत्मीयता से जोड़ रहे हैं। यह शायद पहला ऐसा मंच है जो बिहारियत को गर्व से जीने और आगे ले जाने की प्रेरणा देता है।आईपीएस विकास वैभव जैसे अफसर जब अपने दायित्वों के साथ-साथ समाज को दिशा देने की कोशिश करते हैं, तो वह केवल एक कर्मचारी नहीं रहते, वे पथ-प्रदर्शक बन जाते हैं। वे प्रेरणा देते हैं कि सिस्टम में रहते हुए भी बदलाव की लहर चलाई जा सकती है, बशर्ते नियत साफ हो और नजरिया दूरदर्शी।आज जब बिहार में राजनीतिक दल नए-नए नामों और वादों के साथ मैदान में उतर रहे हैं, विकास वैभव की सोच राजनीति से इतर है। उनका विश्वास है कि बदलाव विचारों से आता है, सत्ता से नहीं। वे न तो कोई पार्टी बना रहे हैं, न ही किसी पार्टी के मंच से बोलते हैं। वे सीधे जनता से संवाद करते हैं—दिल से दिल तक की यात्रा।बिहार को 2048 तक विकसित राज्य बनाना केवल एक सपना नहीं है, बल्कि यह एक ठोस योजना है, जिसकी नींव रखी जा चुकी है। लेट्स इंस्पायर बिहार एक आंदोलन है जो किसी पोस्टर पर नहीं, लोगों के दिलों में जीवित है। यह बिहार की आत्मा को फिर से जगाने की एक कोशिश है—एक ईमानदार व्यक्ति की ईमानदार कोशिश, जिसे बिहार ने सर आंखों पर बिठाया है।
#अनूप
