- संध्या चौपाल के माध्यम से लोगों को किया जाएगा जागरूक
सीतामढ़ी। बढ़ते तापमान एवं उमस के कारण चमकी बुखार के प्रकोप की संभावना बनी रहती है। ईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर जिलाधिकारी सीतामढ़ी श्री रिची पांडेय की अध्यक्षता में स्थानीय परिचर्चा भवन में एईएस/ चमकी बुखार को लेकर बैठक की गई। बैठक में जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर के यादव के द्वारा पीपीटी के माध्यम से अब तक की गई तैयारियों, उपलब्ध संसाधनों यथा आवश्यक दवाएं, उपकरणों, एम्बुलेंस ,बेड इत्यादि की उपलब्धता को लेकर विस्तृत जानकारी जिलाधिकारी को दी गई।
बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर गांव और टोले स्तर पर सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाना सुनिश्चित करें। संध्या चौपाल के माध्यम से लोगों को जागरूक करें। जिलाधिकारी ने कहा कि संध्या चौपाल में आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, एएनएम, विकास मित्र जीविका दीदियों की उपस्थिति सुनिश्चित होगी। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि का भी सहयोग लिया जाएगा। बैठक में टैग किए गए वाहनों के चालकों की भी उपस्थिति सुनिश्चित करें। संध्या चौपाल में उपस्थित जन समूह को चमकी/एईएस को लेकर जागरूक करना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही डोर टू डोर विजिट करते हुए लोगों को जागरूक किया जाए। जिलाधिकारी के द्वारा आईसीडीएस, परिवहन विभाग, जिला जन संपर्क विभाग, ग्रामीण विकास, पीएचईडी, पशुपालन, पंचायती राज विभाग तथा अन्य विभागों को निर्देश दिया गया कि अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से अगले दो-तीन महीनों तक अभियान चला कर चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना सुनिश्चित करें। बैठक में उपस्थित डॉ आर के यादव ने बताया कि सदर अस्पताल में 10 बेड सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2-2 वातानुकूलित एईएस बेड बनाया गया है। उन्होंने कहा है विगत वर्षों की भांति इस साल भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के निमित मुकम्मल तैयारी की गई है। आवश्यक चिकित्सीय उपकरण एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। सभी वरीय पदाधिकारियों सहित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, बीएचएम ,बीसीएम को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिए गए हैं जिनके द्वारा आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग और आईसीडीएस को निर्देशित करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय के प्रार्थना सत्र में बच्चों को एईएस/ चमकी बुखार को लेकर जागरूक किया जाए ।वही आईसीडीएस को निर्देशित करते हुए कहा कि लेडी सुपरवाइजर एवं आंगनवाड़ी सेविका के माध्यम से वार्ड वार प्रत्येक घर को विजिट करते हुए अति कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन पर विशेष निगरानी रखी जाए। वैसे बच्चों को सदर अस्पताल स्थित एनआरसी में भेजने का निर्देश भी दिया गया।
जिलाधिकारी ने जिले वासियों से की अपील : बच्चों को धूप में न खेलने दें। बच्चों का रखें ख्याल
बढ़ते तापमान के मद्देनजर जिलाधिकारी रिची पांडेय ने जिला वासियों से अपील की है कि बढ़ते तापमान बढ़ने और अधिक ह्यूमिडिटी के कारण चमकी बुखार का प्रकोप देखने में आता है। उन्होंने अपील किया है कि अभिभावक अपने बच्चों को धूप में न खेलने देंऔर धूप में न नहाने दें।बच्चों को खाना जरूर खिलाएं। शाम के वक्त सुस्ती होने पर स्थानीय पीएचसी में दिखावे। रात में खाना खिला कर ही बच्चों को सुलायें। बीच-बीच में विशेषकर सुबह में उन्हें जाकर जरूर देखें।यदि किसी भी तरह का लक्षण प्रतीत होता है तो बिना समय गवाएं निकट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों को स -समय अस्पताल ले जाना एक महत्वपूर्ण फैक्टर है जिससे चमकी के प्रभाव पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार ,जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ जेड जावेद, जिला जन संपर्क अधिकारी कमल सिंह , डीपीओ आईसीडीएस कंचन कुमार गिरी, जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
