- नेपाल-भारत पत्रकारिता संवाद संगोष्ठी गौर, नेपाल में हुई संपन्न।
गौर (रौतहट), नेपाल।
नेपाल और भारत के पत्रकारों के बीच संवाद का मुख्य उद्देश्य पत्रकारिता और आपसी समझ बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित नेपाल-भारत पत्रकारिता संवाद संगोष्ठी कार्यक्रम घंटाघर चौक स्थित मध्याह्न राष्ट्रीय दैनिक अखबार कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में विभिन्न मीडिया घरानों के प्रतिनिधि और मीडिया क्षेत्र की प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने नेपाल और भारत में पत्रकार हित, सुरक्षा, सम्मान तथा कार्य स्थितियों में सुधार की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने कहा कि सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने तथा पत्रकारों की हत्या, धमकियों और अन्य असुरक्षित स्थितियों को गंभीरता से लेने पर विचार व्यक्त किया।
श्री कुरैशी ने आगे कहा, “नेपाल और भारत में पत्रकारों को खतरनाक रोजगार स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, पत्रकारों की हत्या और उन्हें डराना-धमकाना एक आम बात हो गई है। पत्रकारों के उत्पीड़न को गम्भीरतापूर्वक संज्ञान में लेकर हत्या करने वालों पर कठोर कार्रवाई, उनकी सुरक्षा दी जाए यदि आवश्यक हो शस्त्र लाइसेंस दिया जाएं।” उन्होंने सरकार से पत्रकारों की कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करने, मृतक पत्रकार के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, एक करोड़ रुपये मुआवजा और बच्चों को मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पत्रकारों के उपर भ्रष्ट अधिकारियों, नेताओं एवं दबंगों द्वारा उनके पक्ष में समाचार नहीं लिखने से असंतुष्ट होकर उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे थाने में दर्ज करवा के प्रताड़ित कराये जा रहे हैं। ऐसे पत्रकारों के उत्पीड़न को रोकने के लिए जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सूचनाधिकार और पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधियों की एक समिति प्रत्येक जिले में गठित करके पत्रकारों के विरूद्ध दर्ज शिकायतों की निष्पक्ष जाँच कराने के उपरांत दोषी पाये जाने पर ही कार्यवाही की जाए। पत्रकार राष्ट्र के चौथे स्तंभ हैं और उनकी सुरक्षा के लिए सरकारी कदम अनिवार्य हैं।” उन्होंने प्रस्ताव रखा कि सरकार को पत्रकारों के लिए स्थानीय स्तर पर 10,000 रुपये, प्रांतीय स्तर पर 15,000 रुपये तथा राष्ट्रीय स्तर पर 20,000 रुपये मासिक आर्थिक सहायता दिया जाए। सरकार को समाचारपत्र, पत्रिका, इलेक्ट्रानिक चैनल, न्यूज वेब पोर्टल व यूट्यूब चैनल को निरन्तर सक्रिय रूप से कार्य करने के लिए विज्ञापन दे। सरकार पत्रकार पेंशन योजना एवं पत्रकार भविष्य निधि की स्थापना के लिये सकारात्मक कार्यवाही की जाए।
उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के मीडिया के बीच आपसी संबंधों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में समृद्धि होगी।
नेपाल और भारत के मीडिया संगठनों ने अपनी पत्रकारिता में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर देना शुरू कर दिया है, जिससे दोनों देशों में समझ और आपसी सम्मान को बढ़ावा मिलेगा।
संगोष्ठी कार्यक्रम में प्रतीक दैनिक अखबार के वरिष्ठ पत्रकार शैलेन्द्र झा, वरिष्ठ पत्रकार मध्याह्न दैनिक अखबार इस्तेयाक अहमद, मधेश भूमिका के कार्यकारी संपादक राकेश यादव, मध्याह्न राष्ट्रीय दैनिक अखबार के पत्रकार सत्येन्द्र प्रताप सिंह, आरोही टेलीविजन के सम्पादक मेवालाल यादव, मोहम्मद तनवीर आलम, मोहम्मद नासिर, आजाद खान और विभिन्न मीडिया क्षेत्रों के मीडियाकर्मी उपस्थित रहें।
