ब्रह्माकुमारी की पूर्व अंतरराष्ट्रीय हेड  दादी जानकी जी की पांचवी पुण्य स्मृति दिवस पर शांतिवन,ज्ञान सरोवर एवं पांडव भवन मे भव्य समारोह आयोजित

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अशोक वर्मा
माउंट आबू । ब्रह्मकुमारी के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू के शांतिवन परिसर स्थित शक्ति स्तंभ परिसर मे भव्य समारोह का आयोजन किया गया।सुबह शक्ति स्थल पर सभी वरिष्ठ  भाई  बहनो ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया। मीडिया प्रमुख बीके करुणा भाई,बीके मोहिनी दीदी, बीके मृत्युंजय भाई, बीके संतोष दीदी ,बीके मृत्युंजय भाई, बीके मोहन सिंघल भाई के अलावा  सभी वरिष्ठ भाई बहनों ने दादी जी के शक्ति स्तंभ पर पुष्प अर्पण किया एवं उनसे दृष्टि ली। उक्त अवसर पर सभी ने दादी जी के जीवन पर प्रकाश डाला । हजारो भाई बहनों ने शक्ति स्तंभ पर पंक्तिबद्ध होकर दादी जी से दृष्टि ली ।मुख्य कार्यक्रम डायमंड हॉल में दिन में 10:00 बजे आरंभ हुआ जिसमें बीके  संतोष दीदी जी के अलावा बीके मृत्युंजय भाई और मीडिया हेड बीके करुणा भाई आदि ने दादी जी के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। मीडिया प्रमुख बीके करूणा भाई ने कहा कि दादी जी ने विदेश सेवा आरंभ की यहां तक की उन्होंने साइकिल पर बैठकर भी सेवा की। लंदन अमेरिका के अलावा कई देशो मे काफी सेवा करके इस संस्था के ज्ञान प्रकाश को फैलाया।उन्होंने कहा कि दादी जी की मस्तिष्क की जांच कर अमेरिकन वैज्ञानिकों ने उन्हें स्टेबल माईणड का प्रमाण  दिया । बीके मनमोहिनी दीदी ने कहा कि दादी जी मे अद्भुत मैनेजमेंट कला थी। विदेश में दादी जी सेवा केंद्रो मे रायल्टी देखना चाहती थी और किसी हर कमी को पूरा करती थी।बीके वेदांती बहन ने विदेश सेवा के अनुभव पर कहा कि मुझे सेवा क्षेत्र में कोई समस्या होती  तो दादी जी के पास समस्या  लेकर  जाती थी तब दादी जी कहती कि आप उक्त सेवा क्षेत्र की महाराजा है और महाराजा स्वयं समस्याओं का समाधान करता है ।उक्त  अवसर पर मधुबन की मधुर वाणी ग्रुप ने बड़ा ही सुंदर गीत प्रस्तुत किया उसके बाद दादी जी को भोग स्वीकार कराया गया ।भोग में 56 प्रकार की टोली, 27 प्रकार के फल एवं 16 प्रकार के पकवान थे।सभी सामग्रियों का भोग लगाया गया ।मनमोहिनी दीदी ने भोग लगाया ।भोग लगाने के बाद भोग  संदेश में उन्होंने कहा कि मैं जैसे ही प्रेम भरी याद लिए मै वतन में पहुंची तो वतन मे खुशी और खेलपाल का माहौल था। बाबा के साथ दादी जानकी जी सभी को प्यार लुटा रही थी ।विश्व ग्लोब  दादी जी के हाथों में था। बाबा के साथ प्रकाशमणी दादी ,दादी जानकी,बीके निर्वेर भाई, गुलजार दादी सभी थे।बाबा सभी से चीट चैट कर रहे थे। संदेशी दीदी ने कहा कि भले दुनिया विनाश की तैयारी में है लेकिन अभी जो थोड़ी सेवा रह गई है उसे जल्द से जल्द पूरा करना है, इसके लिए इतना प्लान बनाओ कि वह सेवा जल्द से जल्द पूरी हो जाए। उन्होंने सेवा में बताया कि विश्व प्रसिद्ध लोगों का लिस्ट बनाकर उनको संदेश दो कारण की उस महान प्रसिद्ध पर्सनालिटी के बातों का प्रभाव विश्व में निकलेगा। बाबा को प्रत्यक्ष करने मे एडवांस पार्टी भी तैयारी कर रही है। ऐसा नहीं कि कल या परसों  ही विनाश हो जाएगा। साधनो का  आज जो विस्तार हुआ है वह साधन बहुत दिनों तक साथ नहीं देने जा रहा है और वह तमाम  सुविधाये समाप्त होगी। संदेश मे  दादी जानकी जी ने कहा कि एक दूसरे के समीप रहो तो सुख मिलेगी ।वातावरण ज्ञान और योग युक्त रहेगा। सेवा में मंशा ,वाचा और कर्मणा के बीच संतुलन रहे। सभी सेवा तो हो रही है लेकिन अभी मनसा सेवा का अनुपात बहुत कम है इसे बढ़ाना है। बाबा ने संकल्प की शक्ति से विश्व की सेवा की थी ।अभी का समय हद की सेवा की नहीं रही अब बेहद की सेवा का समय है। अपने स्वरूप से सेवा करनी है। दादी जी के साथ  एडवांस पार्टी के लिए भी भोग लाए हैं ऐसा मैंने कहा। बाबा ने सभी बच्चो से कहा कि आपकी सेवा की गति से विश्व परिवर्तन की गति तेज होगी।कहा कि आपकी सेवा अंतिम रूप में चल रही है। संदेशी के संदेश को सभी ने बड़े ही तनमय्यता एवं गंभीरता से सुना। बाबा मिलन के अवसर पर पधारे 25000 लोगों मे ठहरे  10000 लोग इस कार्यक्रम में भाग लिए और पूरे शांति भवन परिसर की स्थिति अति श्रद्धापूर्वक  थी और दादी जानकी जी को सभी ने बड़े ही प्रेम और श्रद्धापूर्वक याद किया।
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