आत्मिक भाव से मनाई  गई ब्रह्माकुमारीज की मुख्य अंतर्राष्ट्रीय प्रशासिका और बाप-दादा की रथ रही दादी गुलजार जी की चौथी पुण्य स्मृति दिवस   

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अशोक वर्मा।
मोतिहारी : 1969 से लेकर 1917 तक बाप-दादा की रथ रही दादी गुलजार जी की चौथी पुण्य  स्मृति दिवस बडे ही आत्मिक  भाव से मनाई  गई। नगर के बनिया पट्टी स्थित ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र पर आयोजित स्मृति समारोह को संबोधित करते हुये सेवाकेंद्र  प्रभारी बीके विभा ने कहा कि ब्रह्मा बाबा के शरीर छोडने के बाद संस्था मे अनिश्चितता का माहौल था कि अब क्या होगा?लेकिन बहुत जल्द ही शिवबाबा की पधारमणी दादी गुलजार जी के तन मे हुआ और इस तरह से दादी का तन मुकर्रर हुआ जिसमे 2017 तक बाबा आते रहे।दादी जी बीमारी की अवस्था  मे चार वर्ष  रही फिर 21 मार्च 2021 मे शरीर छोडी।बीके अशोक  वर्मा  ने कहा कि संस्था के स्थापना के समय जब दादी गुलजार बाबा के पास 1937 मे आई तो बाबा ने कहा था कि आपके इन आंखो से बहुत सेवा होगी।बाबा की बात सच रही और दादी जी ने 48 वर्षो तक बाप दादा की रथ बनकर सेवा की।दादी जी ने बाबा को पूरी तरह से फालो किया था और हां जी का पाठ बजाया था।निरंहकारिता उनमे थी।दया,ममता,करूणा की प्रतिमूर्ति  थी।                                        कार्यक्रम  के अंत  मे सभी ने बडे ही सम्मान और प्यार से दादी जी के चित्र  पर पुष्प अर्पण  कर उनको याद किया और उनसे दृष्टि  ली।
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