- स्वास्थ्य केंद्रों को किया जा रहा है एलर्ट
- प्रचार-प्रसार करने को लेकर की जा रहीं है तैयारी
मोतिहारी। जिले में एईएस के खतरों को लेकर स्वास्थ्य केंद्रों को किया जा रहा है एलर्ट वहीं स्वास्थ्य केंद्रों पर अंतर विभागीय तैयारी जोर-शोर से की जा रहीं है ताकि एईएस के मामले आने पर इससे पीड़ित रोगियों का समुचित उपचार तुरंत शुरू किया जा सके। इस सम्बन्ध में डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया की सिविल सर्जन द्वारा सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी/सीएचसी को एईएस /जेई के मरीजो के त्वरित उपचार एवं प्रबंधन हेतु एसओपी के अनुसार दवा एवं उपकरण आदि इंडेंट करने के संबंध में पत्र लिखा है। उन्होंने बताया की अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, बिहार पटना के निर्देशानुसार एईएस /जेई के नियंत्राणार्थ आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों की मांग डीवीडीएमएस पोर्टल पर करने सम्बन्धित निर्देश दिया है। उन्होंने कहा की पूर्वी चम्पारण जिला एईएस/जेई से विगत कई वर्षों से प्रभावित रहा हैं। इसलिए एईएस /जेई के संभावित उपचार एवं प्रबंधन हेतू वर्णित दवा एवं उपकरण कि शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करना अति आवश्यक है। गर्मी के प्रकोप बढ़ते ही जिलें मे एईएस/जेई के मरीज प्रतिवेदित होने लगते है।अतः सभी स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देशित है कि अपने-अपने संस्थान में एईएस /जेई वार्ड में गैप असेसमेंट कराते हुए सभी दवा एवं उपकरण आदि का इंडेंट कराना सुनिश्चित करें। घोड़ासहन स्वास्थ्य केंद्र जाकर प्रभारी डॉ आलोक कुमार से जिले के मलेरिया ऑफिस से भीडीसीओ कंसलटेंट सत्यनारायण उरांव, रविंद्र कुमार, राकेश कुमार मिलें एवं जाँच, ईलाज व्यवस्था की जानकारी ली। सिविल सर्जन डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने कहा कि चमकी के नियंत्रणार्थ जिला पूरी तरह तैयार है। पीएचसी, सदर और रेफरल स्तर पर उपचार की व्यवस्था की गयी है। पीएचसी में जहां दो बेड के स्पेशल एईएस वार्ड, सदर में दस बेड के पीकू में तथा रेफरल के लिए एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में व्यवस्था की गयी है। प्रचार- प्रसार के लिए आशा, आंगनबाड़ी तथा जीविका दीदीयों की भी मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा की चमकी से ग्रसित बच्चे को तुरंत अस्पताल पहुंचाए, अगर कोई व्यक्ति निजी वाहन से किसी भी सरकारी अस्पताल पहुंचता है तो उसे किलोमीटर की दर से तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर ही भुगतान कर दिया जाएगा।
