एमडीए/आईडीए के पूर्व तैयारियों पर जिला टीओटी का हुआ आयोजन

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  • रजिस्टर संधारण और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन पर दिया जाएगा जोर: सीएस 
  • 17 दिन के अभियान में दो बार मॉप-अप राउंड
  • नोडल फाइलेरिया अधिकारियों और सीएचओ  को मिला सर्वजन दवा अभियान पर प्रशिक्षण
वैशाली। स्वास्थ्य विभाग सर्वजन दवा सेवन की सफलता के लिए विविध रुपों से अपने स्वास्थकर्मियों को अभियान के अनुरूप तैयार कर रही है। इसी क्रम में सदर अस्पताल के सभागार में जिला स्तरीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस टीओटी में नोडल फाइलेरिया अधिकारियों और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को अभियान के दौरान के विभिन्न तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया। टीओटी की अध्यक्षता करते हुए सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद ने कहा कि अभियान के दौरान रजिस्टरों का संधारण और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की नितांत आवश्यकता है। यह हमेशा स्पष्ट रहे कि किसी भी हालत में दवाओं का वितरण न हो। हर वर्ग तक हमारी पहुंच हो ऐसी रणनिती और जागरूकता के प्रयास किए जाए।
17 दिनों का होगा अभियान:
टीओटी के दौरान जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ गुड़िया कुमारी ने बताया​ कि इस बार एमडीए/आइडीए 17 दिनों का है। पहले 14 दिन में ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर घर-घर जाकर लोगों को फैमिली रजिस्टर के अनुसार दवा खिलाएगें। इसमें दोनो हफ्ते में पहले 6 दिन घर पर जाकर तथा सातवें दिन छूटे हुए लोगों को ​दवा का सेवन कराकर मॉप राउंड चलाया जाएगा। इसके बाद तीन दिन स्कूलों एवं अन्य सार्वजनिक जगहों पर बूथ लगाकर दवाओं का सेवन कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिले में फाइलेरिया नियंत्रण हेतु दो स्तर पे कार्य हो रहें है। पहले स्तर पर साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जा रहा है और मच्छड़दानी का प्रयोग एवं स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। दूसरे स्तर पर फाइलेरिया रोगियों की पहचान कर उनके पुनर्वास हेतु कार्य हो रहा है। जो मरीज स्टेज 3 के ऊपर है, उन्हें गतिशीलता प्रबंधन का ट्रेनिंग देकर एमएमडीपी किट दिया जा रहा है ताकि अपना रोग प्रबंधन वे खुद कर सकें। हाइड्रोसिल वाले मरीज के लिए शल्य चिकित्सा की व्यवस्था है। फाइलेरिया मरीजों का विकलांगता सर्टिफिकेट भी बनवाया जा रहा है।
ट्रेनिंग आफ ट्रेनर के दौरान पिरामल पीएल पीयूष चन्द्र, वीडीसीओ राजीव कुमार एवं अमित कुमार ने एमडीए/आइडीए के दौरान दी जाने वाली दवाओं के डोज के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि डोज पोल से नापने के दौरान अगर किसी बच्चे की हाइट अगर 90 सेंटीमीटर से कम हो तो किसी भी हालत में उसे आइवरमेक्टिन की गोली नहीं देनी है। इसके अलावा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती स्त्रीयों और गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी यह दवा नहीं खिलाई जाएगी।
टीओटी के दौरान सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ गुड़िया कुमारी,  जिला मुल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी ऋतुराज कुमार, डीसीएम निभा रानी सिन्हा, भीडीसीओ राजीव कुमार, अमित कुमार, धीरेन्द्र कुमार, नेहल, अनिकेत, पिरामल पीएल पीयूष चन्द्र, सीफार डीसी नीतू कुमारी समेत अन्य लोग मौजूद थे।
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