अशोक कुमार
दरभंगा : श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु दरभंगा सदर अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत प्रभारी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बहेड़ी शुभम कुमार के नेतृत्व में बहेड़ी प्रखंड के विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल की टीम के द्वारा सघन जांच अभियान चलाया गया ।
जांच के क्रम में बहेड़ी बाज़ार स्थित संत टी स्टॉल, झझरी चौक से दो बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया ।विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति, दरभंगा के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है ।
बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है ।
श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है ।
इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा ।
इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा ।
आज की इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में शुभम श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी कुशेश्वरस्थान सह प्रभारी बहेड़ी, मोहन कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दरभंगा सदर, बमबम कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी घनश्यामपुर, कार्यालय कर्मी आदित्य गौरव एवं अफरोज जमाल , आश्रय ट्रस्ट स्वयंसेवी संस्था के सदस्य निवेश कुमार, प्रयास संस्था से नारद मंडल एवं संदीप कुमार झा, काष्ठ संस्था से नारायण कुमार मजमुदार, एवं अजय कुमार प्रोग्राम कॉर्डिनेटर, तहसीन आलम सपोर्ट पर्सन, और पुलिस केंद्र दरभंगा से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के 2 पुलिसकर्मी शामिल थे ।
धावा दल की टीम के द्वारा लोहिया चौक से पंडासराय से होते हुए बहेड़ी बाजार स्थित सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जांच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया ।
श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा दरभंगा शहर के साथ साथ सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी धावा दल संचालित किया जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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