रामगढ़ :झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा इकाई रामगढ़ के पदाधिकारियों ने चुटुपालू स्थित 1857 के विद्रोह में अपने साहस और वीरता से अंग्रेजी सरकार की जड़ें हिला देने वाले, झारखंडी माटी के वीर सपूत शहीद शेख भिखारी और टिकैत उमराव सिंह के शहादत दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इसमें मुख्य रूप से अल्पसंख्यक मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष आदरणीय आजाद हुसैन अंसारी, महिला मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष रूपा महतो, जिला मीडिया प्रभारी रमेश कुमार महतो, जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक मुस्लिम अंसारी समेत पार्टी के केन्द्रीय, जिला, प्रखंड , पंचायत व सक्रिय सदस्य उपस्थित हुए! अल्पसंख्यक मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष आजाद हुसैन अंसारी ने कहा की शहिद शेख भिखारी और टिकैत उमराँव सिंह का आज शहादत दिवस है 1857 की क्रांति का बिगुल फूंकनेवाले दोनों वीरों को चुटुपालु घाटी के निकट पेड़ पर बिना मुकदमा चलाएं, अंग्रेजों ने 8 जनवरी 1858 को फांसी दी थी ।जिला मीडिया प्रभारी रमेश कुमार महतो कहा कि अमर शहीद शेख भिखारी का जन्म साधारण परिवार में 1819 में ओरमांझी प्रखंड मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर पूर्वी इलाके की कूटे पंचायत के खुदिया टोला में और अमर शहीद टिकैत उमराव का पश्चिमी इलाके के खटंगा गांव में जन्म हुआ था ।शेख भिखारी की बहादुरी को देखते हुए उन्हें राजा ठाकुर विश्वनाथ के बुलावे पर राजकीय फौजी सहित दीवान बनाया गया था! रूपा महतो ने कहा कि अंग्रेजों ने जब 1857 ई. में चढ़ाई कर दी । विरोध में रामगढ़ के रेजीमेंट ने अपने अंग्रेज अफसर को मार डाला।रांची, चाईबासा, संथाल परगना के जिलों से अंग्रेज भाग खड़े हुए ! इसी बीच अंग्रेजों की फौज जनरल मैकडोना के नेतृत्व में रामगढ़ पहुंच गई और चुटुपालू के पहाड़ के रास्ते से रांची आने लगे ।उनको रोकने के लिए शेख भिखारी,टिकैत उमराव सिंह अपनी फौज लेकर चुटुपालू पहाड़ी पहुंच गए।और अंग्रेजों का रास्ता रोक दिया। शेख भिखारी ने चुटुपालु की घाटी पार करने वाले पुल तोड़ दिया और सड़क के पेड़ों को काटकर रास्ता जाम कर दिया।शेख भिखारी की फौज ने अंग्रेजों पर गोलियां की बौछार कर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिया, यह लड़ाई कई दिनों तक चलती रही! अंग्रेजों ने शेख भिखारी एवं टिकैत उमराव सिंह को 6 जनवरी 1858 को घेर कर गिरफ्तार कर लिया था! शहादत दिवस में मुख्य रूप से आजाद हुसैन अंसारी, रूपा महतो, जिला मीडिया प्रभारी रमेश कुमार महतो, राजू बेदिया, धनेश्वर् महतो,अनवर अंसारी, सुभान अंसारी, मुस्लिम अंसारी, सानिया परवीन ,शाहनवाज अंसारी, मोहम्मद अफरोज, मोहम्मद अनवर, परवेज अंसारी के अलावा दर्जनों लोग उपस्थित थे
60